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Business Idea: घर के पास थोड़ी सी जमीन पर शुरू करें ये 2 बिजनेस, मिलेगा तगड़ा मुनाफा

Business Idea: ये खबर आपके लिए है अगर आप भी बिजनेस करके मोटी कमाई करना चाहते हैं। आज की इस खबर में हम आपको दो बेहतरीन बिजनेस आइडियाज बताने जा रहे हैं। जिससे आप कम जमीन पर शुरू कर सकते हैं। 

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Business Idea: घर के पास थोड़ी सी जमीन पर शुरू करें ये 2 बिजनेस, मिलेगा तगड़ा मुनाफा 

The Chopal, Business Idea: वर्तमान अर्थयुग में हर कोई अच्छी कमाई करना चाहता है। कोई काम करते हैं, तो कोई व्यवसाय का सहारा लेते हैं। हम आपके लिए सबसे अच्छा बिजनेस आइडिया दे रहे हैं अगर आप भी बिजनेस करके मोटी कमाई करना चाहते हैं। मछली पालन के साथ-साथ बत्तख पालन भी इस व्यवसाय का हिस्सा है।

राज्य सरकारें और केंद्र सरकार भी इस बिजनेस को शुरू करने में मदद कर रहे हैं। यह व्यवसाय लाभदायक है। बत्तखों को मछली के साथ पालने से प्रोटीन उत्पादन और बत्तखों के मलमूत्र का अधिकतम उपयोग होता है।

ये दो व्यवसाय एक-दूसरे के साथ काम करते हैं और कम खर्च में अधिक उत्पादन करते हैं। मछली पालन में इस तरह के बिजनेस से लगभग ६० प्रतिशत खर्च बचाया जा सकता है। साथ ही बत्तख तालाब की गंदगी खाकर उसे साफ करती हैं। ये भी पानी में तैरने से तालाब में ऑक्सीजन को बढ़ाते हैं। इससे मछली बढ़ती है।

बत्तख पालन कैसे शुरू करें?

मछलियों को बत्तख देने के लिए अच्छी नस्ल की बत्तख की आवश्यकता होती है। खाकी कैम्पबेल प्रजाति, सिलहेट मेटे (भारतीय प्रजाति), नागेश्वरी (भारतीय प्रजाति) और भारतीय रनर प्रजाति बत्तख पालन के लिए उपयुक्त हैं। ऐसे तालाब मछली पालन के लिए उपयुक्त हो सकते हैं। जिसकी गहराई 1.5 से 2 मीटर से कम नहीं हो। तालाब में 250 से 350 किलोग्राम चूने प्रति हेक्टेयर का इस्तेमाल होना चाहिए। बत्तखों के लिए तालाब के किनारे पर या उसके ऊपर बाड़ा बनाया जा सकता है। तालाब पर लकड़ी और बांस से बाड़ा बनाएं। बाड़ा हवादार और सुरक्षित होना चाहिए। 250 से 300 बत्तख एक हेक्टेयर में पाल सकते हैं।

मछली के साथ बत्तख पालन से ऐसे होता है फायदा-

1 - मछली के साथ बत्तख पालन से सालाना 3500 से 4000 किलोग्राम मछली, 15,000 से 18000 अंडे और 500 से 600 बत्तख के मांस का उत्पादन किया जा सकता है।

2 - बत्तख को 120 ग्राम दाना रोज देना जरूरी होता है। वहीं मछली के साथ बत्तख पालन से 60 से 70 ग्राम दाना देकर आप आहार की मात्रा पूरी कर सकते हैं।

3 - मछली के साथ बत्तख पालन से तालाब में एक्स्ट्रा खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती है।

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4 - बत्तख कीट-पतंगों, पौधे, मेढक के बच्चे आदि खाती है, जो कि मछलियों के लिए हानिकारक है।

5 - तालाब में बत्तख के तैरते रहने से वायुमंडल की ऑक्सीजन पानी में घुलती रहती है।

6 - एक हेक्टेयर तालाब में मछली के साथ पलने वाली 200-300 बतखों की बीट ही मछलियों के लिए भरपूर भोजन है।

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