Buxar Highway Projects: दो साल में बनेंगे तीन नए हाईवे, लेकिन इस चीज पर नहीं किसी का ध्यान
Bihar News: NHC-922 का फोरलेन बनाने के बाद बक्सर से बलिया जिले के भरौली के बीच जाम की समस्या और गंभीर हो सकती है। फिलहाल, पांच दिशाओं से गाड़ियां बक्सर गोलंबर पर आती हैं। इनमें पटना और सिंडीगेट जासो से आने वाली सड़कें शामिल हैं, साथ ही पुराने और नए पुल के संपर्क पथ से आने वाले वाहन भी शामिल हैं।
The Chopal, Bihar: यह गोलंबर इलाका अगले दो से तीन वर्षों में चार राष्ट्रीय राजमार्गों और कई अन्य सड़कों का एक महत्वपूर्ण जंक्शन बनने वाला है। इनके लिए योजनाओं का काम शुरू हो गया है। कुछ टेंडर निर्माणाधीन हैं, जबकि दूसरे निर्माणाधीन हैं। इलाके में विकास की नई गाथा लिखी जाएगी इन योजनाओं से। दूसरी ओर, निर्माण एजेंसियों को योजनाओं में अदूरदर्शिता का खामियाजा अत्यधिक यातायात हो सकता है।
दरअसल, इन योजनाओं में जंक्शन और क्रॉसिंग पर इंटरचेंज प्वाइंट को पर्याप्त रूप से नहीं व्यवस्थित किया गया है। NHC-922 का फोरलेन बनाने के बाद बक्सर से बलिया जिले के भरौली के बीच जाम की समस्या और गंभीर हो सकती है। फिलहाल, पांच दिशाओं से गाड़ियां बक्सर गोलंबर पर आती हैं। इनमें सिंडीगेट, जासो और पटना से आने वाली सड़कों के साथ-साथ पुराने और नए पुल के संपर्क पथ भी शामिल हैं।
गोलंबर पर एक वाहन एक दिशा से आकर दूसरी दिशा में मुड़ता है। यहां इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। नए और पुराने पुल के अलग-अलग संपर्क मार्ग होने और सभी पांच सड़कों पर वाहनों की दोनों दिशाओं में आवाजाही होने से सबसे अधिक समस्या होती है। यहां वाहन चालक किसी भी जगह मिलते ही अपने लक्ष्य की ओर मुड़ जाता है। गोलंबर है, लेकिन सही तरीके से इस्तेमाल नहीं होता।
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ऐसी ही स्थिति बलिया जिले के भरौली गोलंबर की है, जहां चार दिशाओं से वाहन चलते हैं। पटना-बक्सर एनएच 922 का हैदरिया के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस वे तक जल्दी ही इंटरचेंज होना चाहिए। हाइवे इंटरचेंज प्वाइंट इसे एक्सप्रेस वे से सीधे जोड़ेगा। इसके लिए बक्सर से हैदरिया तक नई राजमार्ग और गंगा में नए पुल बनाए गए हैं। इस पर काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
पटना से आने वाली सड़क गोलंबर के पास मुड़कर तीन लेन के नए पुल के जरिए गंगा पार करने के बाद भरौली गोलंबर के ऊपर से निकलकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगी। यह मार्ग वर्तमान बलिया-गाजीपुर हाईवे से अलग होगा। इसके लिए एक निर्माण एजेंसी चुनी जा रही है। गोलंबर में पहले से जुड़ने वाली सड़कों को जोड़ने के लिए इंटरचेंज प्वाइंट नहीं है, जो इस योजना में एक चुनौती है। ऐसी स्थिति में, पटना की ओर से फोरलेन हाइवे या पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का ट्रैफिक गोलंबर पर पहुंचने पर यहां यातायात अस्त-व्यस्त होगा। NHAI की पटना शाखा इस योजना को लागू कर रही है।
भरौली गोलंबर पर भी फंसेंगे वाहन
बक्सर की ओर एक अतिरिक्त फोरलेन सड़क का निर्माण शुरू हो गया है। यह राजमार्ग का उद्देश्य: भरौली से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के करीमुद्दीनपुर में बन रहे गाजीपुर-बलिया बाईपास से जुड़ेगा, जो इंटरचेंज के माध्यम से थोड़ी ही दूर पर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। इस सड़क से पूर्वांचल एक्सप्रेस के वाहन भी बक्सर पहुंचेंगे। इन वाहनों को पहले से मौजूद दो पुलों का उपयोग करना मुश्किल होगा। इन वाहनों को गंगा पुल पर चढ़ने से पहले भरौली गोलंबर पर बलिया-गाजीपुर से आने वाले वाहनों का रूट पार करना होगा। NHAI की आजमगढ़ शाखा इस योजना से जुड़ी है।
चौसा-बक्सर बाईपास का निर्माण भी जल्द
फोरलेन चौसा-बक्सर बाईपास का निर्माण भी अंतिम दौर में है। यह बक्सर-मोहनिया एनएच 319 ए होगा। इस योजना के लिए अगले सप्ताह निविदा खुलनी है। इसमें चुनी गई संस्था को दो साल के अंदर काम पूरा करना होगा। कथकौली युद्ध के मैदान इस बाईपास मार्ग पर होगा। इससे एनएच 922 के कथकौली के सामने जंक्शन पर वाहनों का दबाव बढ़ेगा। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि बाईपास सड़क एनएच 922 को एनएच 922 से जोड़ेगी या इसे टी शेप में लाकर जोड़ा जाएगा। केंद्रीय पथ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग, इस सड़क को बना रहा है।
क्या है इंटरचेंज?
इंटरचेंज सड़कों के जंक्शन पर ऐसी व्यवस्था है, जिससे वाहन सुचारू रूप से चल सकें बिना दूसरे मार्ग को प्रभावित किए। ऐसा इंटरचेंज हैदरिया पर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर या पटना में दीघा के पास, जहां अटल पथ, जेपी गंगा सेतु, गंगा पथ और दीघा-एम्स एलिवेटेड सड़क का जंक्शन है, देख सकते हैं।
