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UP के इस जिले में 12 से 14 मीटर चौड़ा हो जाएगा बाईपास, बीच में बनेगा डिवाइडर

UP News : उत्तर प्रदेश में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार का यह कदम निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है। बाईपास का चौड़ीकरण शहरों में ट्रैफिक की भीड़ को कम करने और लंबी दूरी यात्रा करने वालों के लिए सुविधा प्रदान करने में मदद करेगा। 

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UP के इस जिले में 12 से 14 मीटर चौड़ा हो जाएगा बाईपास, बीच में बनेगा डिवाइडर

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में जाम की समस्या से आम जनता को निजात दिलाने के लिए सरकार लगातार बड़े काम कर रही हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के इस जिले में बाईपास का चौड़ीकरण किया जाएगा। इससे न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि प्रदूषण में भी कमी आ सकती है, क्योंकि जाम की स्थिति में वाहनों का ईंधन बेकार होता है और इससे प्रदूषण बढ़ता है।

7 मीटर चौड़ी सड़क को 12-14 मीटर चौड़ी

मेरठ में जाम की समस्या को दूर करने के लिए विद्युत बंबा बाईपास का चौड़ीकरण किया जाएगा। मौजूदा 7 मीटर चौड़ी सड़क को 12-14 मीटर चौड़ी करने के लिए डिवाइडर बनाया जाएगा। मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) यह काम बिना जमीन अधिग्रहण के टीडीआर नीति के तहत करेगा। प्रभावित पक्षों को अतिरिक्त एफएआर मिलेगा, जिससे उन्हें ऊंची इमारतें बनाने की अनुमति मिलेगी। निर्माण कार्य मार्च-अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद है।

7 मीटर बाईपास की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी

मेरठ मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) बिजली बंबा बाईपास का चौड़ीकरण कराने जा रहा है, जिससे जाम की समस्या दूर होगी। यानी आज की सड़क की चौड़ाई बढ़ा दी जाएगी। वर्तमान में सड़क सात मीटर चौड़ी है, लेकिन यह 12 से 14 मीटर चौड़ी होगी। बीच में एक पुल बनेगा, जिससे आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे।

चौड़ाई बढ़ाने के लिए जमीन का अधिग्रहण भी नहीं होगा। मेडा ने टीडीआर नीति को चुना था। मेडा ने इसके तहत संबंधित किसानों सहित पांच सौ लोगों को सहमति पत्र भेजा है। मेडा ने संबंधित लोगों से पहले ही चर्चा की थी, इसलिए सहमति पत्र भी मिलने लगा है। सड़क का निर्माण भी मार्च या अप्रैल से शुरू होना चाहिए।

इस प्रकार चौड़ाई बढ़ाई जाएगी

बाईपास को चौड़ा करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अब टीडीआर फार्मूले पर काम करने जा रहा है। इसके तहत संबंधित लोगों की जमीन निश्शुल्क ली जाएगी, उसके बदले में यहां के लोगों को जमीन के बदले में अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) दिया जाएगा।

बाईपास के लिए ली गई जमीन की कीमत का दोगुना एफएआर मिलेगा। यहाँ के लोगों को इसका फायदा यह होगा कि वे कई मंजिल ऊंचे घर बना सकेंगे और चाहें तो कुछ मंजिल दूसरों को बेच सकेंगे। 2022 से प्रदेश सरकार की हस्तांतरणीय विकास अधिकारों की अनुज्ञा (TDRI) उपविधि में यह सब होगा।

17 अगस्त 2023 को, मेडा ने 124वीं बोर्ड बैठक में इसे लागू किया। प्रदेश की सड़कों की चौड़ाई बढ़ाना सबसे बड़ा मुद्दा है। जबकि सड़क के आसपास के लोगों ने जमीन छोड़ दी है, वह जमीन उन लोगों ने खरीदी है। सरकारी विभाग सड़कों की चौड़ाई बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें आवश्यक जमीन नहीं मिल रही है। इसके अधिग्रहण के लिए सरकार भी धन नहीं देती। इसका समाधान यह नीति है। इसमें नियम रखा गया कि निशुल्क जमीन पर एफएआर और बिक्री की छूट दी जाएगी।