लखनऊ की आउटर रिंग रोड़ पर अनेक जगह लगेंगे कैमरे, नियम तोड़ते ही ऑटोमैटिक कटेगा चालान
UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यातायात व्यवस्था सुरक्षा और कनेक्टिविटी के हिसाब से और ज्यादा बेहतर होने वाली है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी आपको लखनऊ में बहुत भारी पड़ने वाली है। अगर आपने ट्रैफिक नियम तोड़े तो आपका ऑटोमेटिक चालान कट जाएगा।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आउटर रिंग रोड की यातायात व्यवस्था सीसीटीवी की नज़र में रहने वाली है। उत्तर प्रदेश में सड़कों पर हादसों को रोकने और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पूरी बाहरी रिंग रोड एटीएमएस से सुसज्जित होगी। यहां सीसीटीवी कैमरे जगह-जगह लगाए जाएंगे। यातायात नियमों को अनदेखा करना आउटर रिंग रोड भारी पड़ने वाला हैं। ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एनपीआर) से कंट्रोल रूम को ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले वाहनों की फोटो सहित पूरी जानकारी मिलेगी और नियमानुसार उन पर अनिवार्य कार्रवाई की जाएगी।
नियमों का उल्लंघन मतलब आपकी सामत आएगी
आउटर रिंग रोड पर नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई पहले से और ज्यादा तेज हो गई है। तेज रफ्तार या रॉन्ग साइड वाहन दौड़ाने पर ऑटोमेटिक चालान होगा। इसके लिए आउटर रिंग रोड में अडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) लगाया जा रहा है। इससे चालकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जगह-जगह कैमरे लगाए जाएंगे रोड
पूरे आउटर रिंग रोड पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो दुर्घटनाओं को कम करेंगे और सुरक्षा को बढ़ाते हैं। बता दे की 104 किमी लंबी योजना में जगह-जगह कैमरे लगाए जाएंगे और एटीएमएस से जुड़ा जाएगा। ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एनपीआर) से कंट्रोल रूम को ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले वाहनों की फोटो सहित पूरी जानकारी मिलेगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। NHAI के एक अधिकारी ने कहा कि बाहरी रिंग रोड जल्द ही एटीएमएस से सुसज्जित होगा।
माती पुल के नीचे संचालन कक्ष
AMTS कंट्रोल रूम आउटर रिंग रोड पर माती पुल के नीचे बनाया जाएगा। पूरी सड़क यहीं से देखी जाएगी। वाहनों की निगरानी करने में भी एटीएमएस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करेगा।
55 करोड़ रुपये का परियोजना
Atoms Project पर लगभग 55 करोड़ रुपये खर्च होंगे। NHAI ने नोएडा की एक निजी कंपनी को काम दे दिया है। कंपनी जल्द ही अपना काम शुरू कर देगी। योजना के अनुसार, कंट्रोल रूम को आरटीओ कार्यालय से भी जोड़ा जाएगा. इससे ओवरस्पीडिंग या रॉन्ग साइड चलने वालों को चालान किया जा सकेगा। इसके अलावा, कोई हादसा या घटना होने पर पुलिस कंट्रोल रूम से फुटेज प्राप्त कर सकेगी।