क्या कोई भी बेच सकता है पैतृक संपत्ति? जानिए इससे जुड़े नियम और कानूनी हकीकत

Property Rights: आजकल जमीन खरीदना और बेचना बड़े सौदों में गिना जाता है। लेकिन हर कोई न तो कोई भी प्रॉपर्टी खरीद सकता है और न ही बेच सकता है। खासकर जब बात पुश्तैनी या पैतृक जमीन की होती है, तो यह सवाल जरूर उठता है कि क्या परिवार का कोई भी सदस्य इसे बेच सकता है?
पैतृक जमीन को संयुक्त परिवार की संपत्ति माना जाता है। यानी इस पर परिवार के सभी सदस्यों का हक होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस जमीन को बेचने का अधिकार किसके पास होता है? इस खबर में हम आपको बताएंगे कि परिवार में कौन सदस्य पैतृक जमीन को बेच सकता है और इसके लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
1. संपत्ति कितने प्रकार की होती है?
संपत्ति मुख्य रूप से दो तरह की होती है – स्वअर्जित संपत्ति और पैतृक संपत्ति। स्वअर्जित संपत्ति वो होती है जिसे किसी व्यक्ति ने अपनी मेहनत, नौकरी या व्यापार से खुद खरीदा हो। इसमें गिफ्ट, दान या किसी और से त्याग के रूप में मिली जमीन भी शामिल हो सकती है। इस तरह की जमीन या मकान को व्यक्ति अपनी मर्जी से कभी भी बेच सकता है, उसे किसी की इजाजत की जरूरत नहीं होती।
2. पैतृक संपत्ति क्या होती है?
पैतृक संपत्ति वह होती है जो किसी व्यक्ति को उसके पूर्वजों से मिली हो। जैसे अगर किसी को जमीन उसके पिता, दादा या परदादा से मिली है, और वो भी बिना किसी रजिस्ट्री के खुद की कमाई से नहीं खरीदी गई हो, तो वह जमीन पैतृक संपत्ति कहलाती है। इस पर पूरे परिवार, खासकर अगली पीढ़ी के बच्चों का भी अधिकार होता है।
3. क्या कोई भी सदस्य पैतृक संपत्ति बेच सकता है?
पैतृक संपत्ति को बेचना आसान नहीं होता। क्योंकि यह संयुक्त परिवार की संपत्ति मानी जाती है। अगर परिवार का कोई एक सदस्य इसे बेच देता है और बाकी सदस्य राज़ी नहीं हैं, तो वे कोर्ट में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कानून के अनुसार, सभी हिस्सेदारों की सहमति जरूरी होती है।
4. कुछ मामलों में बिक्री संभव होती है
कुछ विशेष परिस्थितियों में परिवार का मुखिया, जैसे कि पिता या दादा, परिवार के हित में यह संपत्ति बेच सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें यह साबित करना होता है कि यह फैसला सभी के भले के लिए है, जैसे कर्ज चुकाने के लिए, बच्चों की पढ़ाई या इलाज के लिए आदि।
5. बिना सहमति पैतृक संपत्ति बेचना गलत है
अगर कोई व्यक्ति परिवार की पैतृक संपत्ति को बिना बाकी सदस्यों की इजाजत के बेचता है, तो दूसरे सदस्य इसके खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। ऐसे मामलों में कानूनी रूप से उस सदस्य को नोटिस भेजा जा सकता है, जिसमें उसे बताया जाएगा कि वह जमीन न बेचे। अगर इसके बावजूद भी जमीन बेच दी जाती है, तो कोर्ट में केस दर्ज करके उस बिक्री पर स्टे लगवाया जा सकता है।
अगर कोर्ट को लगता है कि जमीन की बिक्री गलत तरीके से हुई है, तो वह बिक्री को रद्द भी कर सकता है। इसलिए पैतृक संपत्ति बेचने से पहले सभी वारिसों की सहमति लेना जरूरी होता है।