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UP के इस जिले में 40% बढ़ेगा सर्किल रेट, जमीन और फ्लैट खरीदना होगा मंहगा

UP News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया एक बार फिर चर्चा में है। सर्किल रेट वह न्यूनतम दर होती है जिस पर किसी संपत्ति का पंजीकरण किया जाता है। सर्किल रेट में बढ़ोतरी से न केवल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त महंगी हो जाएगी, बल्कि इससे जुड़े अन्य कर और शुल्क भी बढ़ जाएंगे।

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UP के इस जिले में 40% बढ़ेगा सर्किल रेट, जमीन और फ्लैट खरीदना होगा मंहगा 

Uttar Pradesh News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्किल रेट को फिर से बढ़ाने की कोशिश शुरू हो गई है। नोएडा में सर्किल रेट 30 से 40 प्रतिशत बढ़ाने की योजना है। इस उद्देश्य से जल्द ही जिलाधिकारी एक बैठक करेंगे। सर्किल रेट बढ़ने पर उद्योग लगाना, फ्लैट रजिस्ट्री करना और जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्किल रेट को फिर से बढ़ाने की कोशिश शुरू हो गई है। नोएडा में सर्किल रेट 30 से 40 प्रतिशत बढ़ाने की योजना है। पिछले वर्ष अगस्त से सितंबर तक, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जमीन की आवंटन दरें बढ़ा दीं। जुलाई में सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन ने निबंधन विभाग के सबरजिस्ट्रार और सभी एसडीएम से एक बाजार सर्वे भी कराया था। यह रिपोर्ट संबंधित पक्षों ने जिला प्रशासन को भेजी। उसी समय जिले में किसान आंदोलन तेज हो गया और सर्किल रेट बढ़ोतरी का मुद्दा कुछ अन्य कारणों से ठंडे बस्ते में चला गया। दरें फिर से बढ़ाने का प्रयास शुरू हो गया है। जिला प्रशासन के आदेश पर सभी सबरजिस्ट्रार ने रिपोर्ट बनाई है। इस रिपोर्ट का अंतिम संस्करण है।

निबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में जल्द ही जिलाधिकारी मिलेंगे। सर्किल रेट पर अंतिम चर्चा होने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। निबंधन विभाग के एआईजी बीएस वर्मा ने बताया कि प्रस्तावित सर्किल रेट की सूची बनाई गई है। इस पर जिलाधिकारी की बैठक में निर्णय होगा। सर्किल रेट बढ़ाने से पहले लोगों की राय लेनी होगी।

आवंटन दरें प्राधिकरण ने छह प्रतिशत बढ़ाई थीं। पिछले वर्ष अगस्त से नोएडा प्राधिकरण ने आवंटन दरें बढ़ा दीं। संस्थागत, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और आवासीय संपत्ति की दरों में 6% की वृद्धि हुई। व्यवसायिक संपत्ति खरीदने के लिए पिछले कुछ वर्षों में बहुत कम लोग आए हैं, इसलिए इस संपत्ति की आवंटन दर स्थिर रही है। ग्रुप हाउसिंग श्रेणी ए को 172680 से 183040 रुपये प्रति वर्ग मीटर और श्रेणी बी को 115130 से 122040 रुपये प्रति वर्ग मीटर किया गया। 2023 में भी प्राधिकरण ने आवंटन दरों में 6 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। संपत्ति के हस्तांतरण और प्राधिकरण से नई संपत्ति खरीदने पर वृद्धि दर का असर पड़ता है।

गांवों में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है

सिर्फ सेक्टर में स्थित उसकी लीज होल्ड संपत्ति के आवंटन दरों को प्राधिकरण निर्धारित करता है। उसकी गांवों की संपत्ति दर निर्धारित करने में कोई भूमिका नहीं है। सर्किल रेट के हिसाब से गांवों में संपत्ति खरीद-फरोख्त की जाती है। गांवों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति के सर्किल रेट में पिछले कई साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इस बार रेट को 10 से 20 प्रतिशत बढ़ाने की योजना है। निबंधन विभाग ने इसका सर्वे कर लिया है। जिन गांवों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति होगी, सड़क की चौड़ाई और मुख्य मार्ग पर सर्किल रेट अधिक निर्धारित किए जाएंगे।

पांच वर्ष से अधिक नहीं

अधिकारियों ने बताया कि 2016 में जिले का सर्किल रेट बहुत बदल गया था। 2019 में अक्तूबर से नवंबर तक कुछ क्षेत्रों में दरों में बढ़ोतरी की गई। इसके बाद गौतमबुद्ध नगर जिले में सर्किल रेट में पांच साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। उस समय तीनों प्राधिकरणों ने सर्किल रेट बढ़ाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। अब अधिकारियों का कहना है कि सर्किल रेट नए सिरे से बढ़ाए जाएंगे।

आवासीय भूखंडों की दरें

श्रेणी दरें (रुपये में)

ए प्लस- 175000

ए- 125340

बी- 87370

सी- 63620

डी- 53180

ई- 48110

नोट: प्रति वर्ग मीटर आवंटन दरें

रजिस्ट्री संपत्ति की रजिस्ट्री में सिर्फ सर्किल दर का कोई महत्व नहीं रह गया है, जिसकी दर अधिक है। सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति की रजिस्ट्री कुछ साल पहले तक होती थी, लेकिन लगभग तीन साल से ऐसा नहीं हो रहा है। अब संपत्ति की रजिस्ट्री तीनों प्राधिकरणों के अपने-अपने क्षेत्र के आवंटन दर, सर्किल दर या संपत्ति की बिक्री दर पर होगी, जो भी अधिक होगी।