UP के 41 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया, जल्द ही पुरा होगा पहले चरण का कार्य
UP News: उत्तर प्रदेश के इस जिले के गांव में चकबंदी को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है. जिले के 41 गांव में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। चकबंदी कार्यों की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट के लोकसभागार में की है.

Uttar Pradesh : एक किसान की बिखरी हुई ज़मीन को एक जगह समेकित (consolidate) करना चकबंदी कहलाता हैं। अक्सर किसानों की जमीनें कई टुकड़ों में अलग-अलग स्थानों पर होती हैं। इससे खेती में समय, श्रम और लागत ज्यादा लगती है। कलेक्ट्रेट के लोकसभागार में बाराबंकी जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने चकबंदी कार्यों की समीक्षा की हैं। वर्तमान में 41 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है, जैसा कि बैठक में उप संचालक चकबंदी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि चकबंदी कार्यों को अनावश्यक विलंब से बचाया जाए, एवं समस्त कार्य समय पर पूर्ण किए जाएँ। कब्जा परिवर्तन से संबंधित कार्यों को भी तेजी से पूरा करने का आदेश दिया गया हैं।
6 गांवों में पहले चक्र की चकबंदी
बता दे की 6 गांवों में पहले चक्र की चकबंदी की जा रही है। 15 जुलाई तक इसे पूरा करने की अनुमति दी गई है। द्वितीय चक्र 35 गांवों में चल रहा है। इनमें से 16 गांवों में सर्वेक्षण और धारा 8 के अतिरिक्त अन्य परियोजनाएं चल रही हैं। डीएम ने भदरास, मवइया, रसूलपुर, कान्हीपुर, सहावर, बिजौली, डिंगरी, बच्छराजमऊ, लाही, बबुआपुर, ओदार, जासेपुर और सलेमाबाद जैसे कई गांवों की प्रगति की समीक्षा की। कास्तकारों को उनकी आपत्तियों का समय पर समाधान करने का आदेश दिया।
चकबंदी के मुकदमों का प्राथमिकता से निपटारा किया जाए
जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी के मुकदमों का प्राथमिकता से निपटारा किया जाए, जैसे राज्य को पुराने राजस्व वादों के निस्तारण में पहला स्थान मिला है। खुज्झी, बरौली, ओदार, सलेमाबाद और जासेपुर सहित सभी गांवों में कब्जा बदलने की प्रक्रिया को कानूनन रूप से पूरा करने का आदेश दिया गया है। चकबंदीकर्ताओं और चकबंदी लेखपालों की टीम आवश्यकतानुसार बढ़ाई जाएगी। चकबंदी से जुड़े मामलों को गांव में ही सुनाया जाएगा।