कम लागत में इस फसल की खेती देगी मोटा मुनाफा, पढ़िए कैसे
काली हल्दी (काली हल्दी) 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक बिक सकती है। जिन किसानों ने काली हल्दी की खेती की है, उनके लिए यह खेती लाभकारी साबित होती है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जिनके कारण इसकी मांग और मूल्य अधिक होता है।
Black Turmeric Farming: आप भी कम लागत में अधिक धन कमाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। सामान्यत: आपने पीली हल्दी के बारे में सुना होगा। हालांकि आज हम आपको बताएंगे कि पीली हल्दी के साथ-साथ काली रंग की भी मौजूद होती है। जिसका बाजार में मूल्य पीली हल्दी से अधिक होता है। इसका उपयोग अधिकांशत: आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में होता है। काली हल्दी में पीली हल्दी के मुकाबले विटामिन्स और मिनरल्स भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
बताया जा सकता है कि काली हल्दी (काली हल्दी) 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक बिक सकती है। जिन किसानों ने काली हल्दी की खेती की है, उनके लिए यह खेती लाभकारी साबित होती है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जिनके कारण इसकी मांग और मूल्य अधिक होता है। रिपोर्टों के अनुसार, एक हेक्टेयर में काली हल्दी के करीब 2 क्विंटल बीज लगते हैं।
काली हल्दी को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। एक एकड़ में कच्ची हल्दी करीब 50-60 क्विंटल तक का उत्पादन हो सकता है। काली हल्दी की खेती से किसान 30 से 40 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
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अधिक पानी से हानि
भुरभुरी दोमट मिट्टी काली हल्दी की खेती के लिए अत्यधिक उपयुक्त होती है। इसके साथ ही, इसकी खेती करने के लिए किसानों को वह खेत चुनना चाहिए जहाँ पानी की निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। खेत में बारिश का पानी जमने की व्यवस्था कारण फसल को नुकसान पहुँच सकती है।
रोगों में प्रभावी
काली हल्दी में एंटी आस्थमा, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीफंगल, एंटी-कॉन्वलेसेंट, एनाल्जेसिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-अल्सर गुण होते हैं। ये निमोनिया, खांसी, बुखार, अस्थमा, कैंसर आदि जैसे रोगों में सहायक होने वाली दवाओं के निर्माण में मददगार होते हैं।
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