राजस्थान में खुलेंगे कस्टम हायरिंग सेंटर, किसानों को कम किराए पर मिलेंगे कृषि यंत्र
Rajasthan Good News :किसानों को अधिक से अधिक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने एक अच्छा प्रयास किया है. सरकार के इस कदम से किसानों को तगड़ा फायदा पहुंचाने वाला है. राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों को राहत देने और खेती को आसान व सस्ती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।
Rajasthan Farmer News : राजस्थान में खेती आसान और सस्ती बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए खास ऐलान किया है. राजस्थान में किसानों को अब कम किराए पर आधुनिक कृषि यंत्र मिलेंगे. सरकार की तरफ से सस्ती खेती किसानों को मुहिया करने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. राजस्थान के हर ग्राम पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की तैयारी सरकार कर रही है.
किसानों को मिलेगा फायदा
प्रदेश में छोटे किसानों को बुवाई और कटाई के समय महंगे कृषि उपकरणों के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. छोटे किसानों के लिए कई बार समय करके पीना किए जाने की वजह से उनकी लागत बढ़ जाती है. राजस्थान सरकार हर ग्राम पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करेगी, जहां किसानों को सस्ता किराया पर आधुनिक कृषि उपकरण मिलेंगे। खेती होगी आसान और महंगी होगी।
कस्टम हायरिंग सेंटर बनाने की योजना
राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को कम लागत की खेती प्रदान करने के लिए बहुत कुछ कर रही है। भी तकनीकी सहायता देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) बनाने की योजना बनाई है, जहां किसानों को किराए पर नवीनतम कृषि उपकरण मिलेंगे। लघु और सीमांत किसानों को इसका सबसे बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
ग्राम पंचायत स्तर पर चलेगा
क्रय-विक्रय सहकारी समितियों और किसान समूहों को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने में पहली प्राथमिकता मिलेगी। ऐसे समूह नहीं होने पर व्यक्तिगत इच्छुक लोग भी सेंटर शुरू कर सकते हैं। इससे कृषि क्षेत्र में तकनीकी सुधार के अलावा नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सीकर जिले में लगभग पौने तीन लाख किसान खेती से सीधे जुड़े हुए हैं, लेकिन अभी केवल डेढ़ दर्जन CHC हैं। नए निर्देशों के अनुसार, जिले के सभी गांवों में कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे।
किसानों को अब लाखों की मशीनें किराए पर मिल जाएंगी
राज्य के कृषि विभाग ने कहा कि किसानों को अब लाखों की मशीनें किराए पर मिल जाएंगी, जो ड्रोन स्प्रेयर, हार्वेस्टर, सीड ड्रिल, ट्रैक्टर और अन्य उपकरणों का उपयोग करेंगे। इससे कृषि लागत कम होगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। लघु जोत वाले किसान अक्सर बुवाई और कटाई के समय महंगे कृषि उपकरणों की कमी से संघर्ष करते हैं। कभी-कभी खेती नहीं होने से लागत बढ़ जाती है या प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान होता है। CHC अब इस समस्या को काफी हद तक हल करेगा।
सरकारी अनुदान
इन केंद्रों की स्थापना पर राज्य सरकार अनुदान देगी। जिससे अधिक से अधिक लोग इस योजना में शामिल हो सकें और आधुनिक खेती की ओर बढ़ सकें। सीकर कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक रामनिवास पालीवाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर शुरू किए जाएं ताकि किसान भारी निवेश के बिना आधुनिक मशीनरी से खेती कर सकें। इससे गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

