Defamation Act : क्या है मानहानि का कानून, इसमें कितनी मिलती है सजा?
The Chopal : हमारे देश में किसी के नाम या सम्मान के साथ दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ एक सख्त कानून बनाई गई है। इसे कानून की भाषा में मानहानि कहा जाता है। आम भाषा में कहें तो यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जहां किसी के सम्मान को गलत इरादों से भंग करने के खिलाफ बनाया गया है। अंग्रेजी में इसे डिफमेशन कहा जाता है।
मानहानि दो शब्दों से मिलकर बना है, मान जिसका अर्थ है सम्मान और हानि का मतलब उस सम्मान का नुकसान। यह कानून लगभग हर देश में चलता है। साधारण शब्दों में देखें तो यदि कोई व्यक्ति या संस्था किसी प्रसिद्ध व्यक्ति या संस्था के बारे में कुछ गलत या ऐसी अफवाहें फैलाते हैं जो कि सच नहीं है, तब अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया जाता है। मानहानि केवल शब्दों से ही नहीं बल्कि कार्टून के जरिए या इशारों में भी हो सकती है।
कानूनी भाषा में जानें क्या है मानहानि
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 में व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा के प्रावधान है। आईपीसी की धारा 499 के अनुसार किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसके मान-सम्मान के खिलाफ कुछ छपवाना मानहानि माना जाता है। धारा 500 के अंतर्गत मानहानि के लिए दंड के प्रावधान हैं। जहां अपराधी को दो वर्ष तक साधारण कारावास में रखा जाता है।
कैसे होती है कार्रवाई
मानहानि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाती है। सीआरपीसी की धारा 499 के तहत मुकदमा दायर किया जाता है। मानहानि का मुकदमा केवल एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि उसके साथ जुड़े अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी दायर की जा सकती है। मानहानि मुकदमें में यदि व्यक्ति का नाम खराब होने के साथ उसके व्यवसाय में भी क्षति होती है, तो वह हर्जाने के लिए भी अलग से मामला दर्ज कर सकता है।
कैसे की जाती है शिकायत
मानहानि की शिकायत दर्ज करने वाले शिकायतकर्ता को सबसे पहले वकील के माध्यम से मानहानि संबंधित सभी दस्तावेजों के साथ अदालत में लिखित शिकायत दर्ज करनी होगी। आगे की प्रक्रिया के लिए अदालत शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करेगा और फिर मामले की जांच के लिए अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की जाएगी। इन बयानों के आधार पर ही मुकदमा दर्ज होता है और अदालत आरोपी के खिलाफ समन जारी करता है।
मानहानि की शिकायत दायर करने के लिए भारी रकम की जरूरत नहीं पड़ती है। इस मामले के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग फीस ली जाती है। मुकदमें के साथ हर्जाने की मांग करने पर इसके लिए पांच से सात फीसदी अलग से फीस देनी पड़ती है।
मानहानि मामले में राहुल गांधी भी फंसे
राहुल गांधी के सूरत में दिए गए बयान 'सारे चोरों का नाम मोदी क्यों है' पर भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने उनपर मानहानि का कास दर्ज किया था। इस मामले में 23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी और संसद से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके बाद चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने का फैसला किया। फिलहाल उन्हें इस मामले से फौरी राहत मिल गई है।
केवल राहुल गांधी ही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडिज और कंगना रनौत के खिलाफ भी मानहानि का मामला दर्ज हो चुका है।
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