Delhi biggest mall : दिल्ली के इस इलाके में 28 लाख वर्ग फुट का बनेगा सबसे बड़ा मॉल, 2029 तक काम होगा पूरा
India's Biggest Mall : यदि आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो आप खुशी से इस खबर को सुनेंगे। ध्यान दें कि दिल्ली में देश का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल बनने जा रहा है। यहां पर यह मॉल बनाने के कई चरण भी शुरू हो गए हैं। इस मॉल का निर्माण इस क्षेत्र की विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लाखों वर्ग फुट का मॉल चार से पांच साल में पूरा हो जाएगा। आइए इस मॉल की पूरी जानकारी प्राप्त करें।
The Chopal, India's Biggest Mall : हालाँकि देश में कई बड़े-बड़े मॉल हैं, मॉल कल्चर भी बढ़ता जा रहा है। अब दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एरोसिटी में भारत का सबसे बड़ा मॉल बनने जा रहा है. यह किसी एयरपोर्ट के आसपास के सबसे बड़े शहर की तरह दिखेगा। 28 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्रफल में यह मॉल बनाया जाना है। इस मॉल के बनने के बाद लोगों को अधिक आधुनिक सुविधाएं मिल जाएंगी।
इस मॉल की ये खूबियां होंगी-
इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के निकट बनने वाले इस सबसे बड़े शॉपिंग मॉल का ग्लोबल बिजनेस सेंटर 65 लाख स्कवायर फीट तक बड़ा होगा। 1.8 करोड़ स्कवायर फीट की जमीन को ऑफिस, दुकानों, खाद्य कोर्टों और एक बड़े शॉपिंग मॉल के लिए किराये पर दिया जाएगा। ये सार्वजनिक स्थानों से बाहर होंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि इंदिरा गाधी एयरपोर्ट लगभग वर्ष 2027 तक देश का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल बनकर तैयार हो जाएगा। इसके अलावा, यह देश का पहला एयरोट्रोपोलिस मॉल होगा। अगले पांच वर्षों में देश का पहला एयरोट्रोपोलिस आठ गुना बड़ा होगा।
इतने डॉलर का निवेश दूसरे चरण में होगा-
2029 तक, यह मॉल दुनिया का सबसे बड़ा मॉल बन जाएगा और दो चरणों में एक करोड़ वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में फैल जाएगा। विशेष जानकारी के अनुसार, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIL) ने एयरोसिटी बनाने का आवेदन किया था, लेकिन जमीन को एक निजी कंपनी ने अपनाया था। DIAL को हवाई अड्डा बनाने और चलाने की लीज मिलने तक, एयरोसिटी लीज अभी उसी कंपनी के पास है।
फिलहाल, सरकार एयरपोर्ट की जमीन का मालिक है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दूसरे और तीसरे चरण में कुल 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा (सबसे बड़ा मॉल 2024)। इस पर लगने वाला इतना पैसा शेयर बाजार और लोन से एकत्रित किया जाएगा।
साथ ही, अंडरग्राउंड पार्किंग बनाने का योजना है -
दूसरे चरण में एयरोसिटी में वर्ल्डमार्क 4, 5, 6 और 7 बनाए जाएंगे, जिसमें कुल 35 लाख स्कॉट की जगह होगी। इन जगहों को ऑफिसों और दुकानों को किराये पर देना होगा। इस प्रोजेक् ट में अंडरग्राउंड पार्किंग के लिए 8,000 से अधिक गाड़ी बनाने का भी प्लान है। सुविधाओं की बात करें तो एयरोसिटी में फिलहाल कई बड़े होटल बना दिए गए हैं, जिसमें रोजेट, JW मैरियट और एकोर ग्रुप में 5000 कमरे हैं। जब इसका दूसरा चरण पूरा हो जाएगा, होटलों की संख्या 16 हो जाएगी और कमरों की संख्या लगभग दोगुना हो जाएगी।
इस सौदे की कीमत इतने करोड़ है?
इस मॉल की पहली मंजिल पर कई होटल बनाए गए हैं। इसके पहले चरण में दुनिया की कई बड़ी कंपनियां, जैसे एयरबस, EY, अमीरात और पेरनोड रिकार्ड, शामिल हैं। ब्रुकफील्ड, एक निवेश कंपनी, ने दो वर्ष पहले किए गए निवेश से चार कॉमर्शियल संपत्ति में से 51 प्रतिशत खरीदने का निर्णय लिया। एयरोसिटी वर्ल्डमार्क (Aerocity mall me facilities) फेज-1 संपत्ति भी है। पूरी डील की लागत लगभग पांच हजार करोड़ रुपये थी। तीसरे चरण में एयरोसिटी को 40 लाख वर्ग फीट का कमर्शियल स्पेस मिलेगा, जो दिल्ली का सबसे बड़ा मॉल होगा। ऑफिस एरिया महीपालपुर और टर्मिनल 2 और 3 को जोड़ने वाली उत्तरी पहुंच मार्ग से गुजरेगा।
2025 में अगले चरण का काम शुरू होगा।
एक कंपनी ने कहा कि अगले चरण का काम 2025 में शुरू होगा और 2029 तक पूरा होगा। यहाँ खुदरा स्थान वाले कार्यालय होंगे और वहाँ साइकिल ट्रैक और वॉकवे होंगे। जब तक एयरोसिटी पूरी तरह से विकसित नहीं हो जाएगी, तब तक यह ऐसा रहेगा। यह अगले साल शुरू हो जाएगा, जिसमें लगभग 2 मिलियन लोग काम करेंगे और हर साल कम से कम 30 मिलियन लोग शॉपिंग करने आएंगे
