Delhi High Court : दिल्ली के इस एरिया में चलाया जाएगा बुलडोजर, हाई कोर्ट का आया आदेश
delhi colony News :दिल्ली जैसे बड़े शहरों में आज काफी प्रदूषण है, जो पर्यावरण को खराब कर रहा है। इससे बचने के लिए सरकार ने उपयुक्त उपाय किए हैं। हाल ही में हाई कोर्ट ने एक कॉलोनी के खिलाफ एक कठोर निर्णय दिया है; कोर्ट ने कॉलोनी को बुलडोजर (HC Bulldozer News) चलाने का आदेश दिया और इसे रोकने से इनकार कर दिया। आइए जानते हैं कि हाई कोर्ट ने ऐसा निर्णय क्यों लिया।

The Chopal, delhi colony News : सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण समिति का गठन किया है, जो जमकर प्रदूषित क्षेत्रों की जांच करती है, ताकि निरंतर पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सके। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसी कॉलोनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
दिल्ली की एक ऐसी कॉलोनी पर हाल ही में कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। अब इस कॉलोनी में बुलडोजर काम करेंगे। बुलडोजर चलाने से लोग डर गए और इसे न चलाने की मांग की। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस पर अब कोई रोक नहीं लगेगी।
यह होगा काम:
दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्रम विहार नामक एक अनधिकृत क्षेत्र कॉलोनी पर बुलडोजर चलाने की मांग को ठुकरा दिया है (HC bulldozer decision)। अदालत ने कहा कि पिछले साल सितंबर में यमुना नदी में प्रदूषण काफी बढ़ा था। नदी में अवैध आवासों से निकलता गंदा पानी इसका कारण था। अदालत का मानना है कि प्रदूषण के बढ़ने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ा है, इसलिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। यह मामला बहुत गंभीर था, इसलिए कोर्ट ने किसी भी अस्थायी राहत देने से मना कर दिया।
जांच रिपोर्ट को देखकर निर्णय लिया—
न्यायालय ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee) की जांच रिपोर्ट देखने के बाद यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने कहा कि अवैध कब्जों और निर्माण कार्यों की वजह से नदी के किनारे की स्थिति बदतर हो रही है, जिससे अब यमुना नदी (HC yamuna nadi decision) में दुर्गन्ध आने लगी है।
अतिक्रमण को हटाने के लिए याचिकाकर्ताओं को कोई रोक लगाने का अधिकार नहीं है। न्यायालय ने यह भी निर्णय दिया कि यमुना नदी का पानी आज सबसे अधिक प्रदूषित है, जो पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए इस मामले में न्यायिक कार्रवाई आवश्यक है।
यह जमीन किस काम में उपयोगी है?
न्यायालय ने बताया कि श्रम विहार कॉलोनी का नाम Delhi Master Plan 2021 की विशेष योजनाओं के तहत जोन "ओ" की लिस्ट में है। इस योजना के अनुसार, इस स्थान का मुख्य उद्देश्य बागवानी है, जहां प्राकृतिक संसाधन, जैसे पौधे और जीव, पनपते हैं।
यह क्षेत्र पर्यावरणीय रूप से विकसित किया गया था, ताकि यह नदी और उसकी संरचना के अनुकूल हो। ऐसे में इस क्षेत्र में ध्वस्तीकरण की कोई भी कार्रवाई का समर्थन करना उचित नहीं होगा क्योंकि इसका उद्देश्य प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना था, न कि प्रदूषण या गंदगी फैलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना।
सीवेज की गंदगी:
दिल्ली की यमुना नदी बहुत गंदी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, नदी में हानिकारक फेकल कोलीफॉर्म यामुना मल बैक्टीरिया (fecal coliform yamuna waste) की औसत मात्रा 1960 से 98 हजार गुना बढ़ गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मात्रा निर्धारित सीमा से कई हजार गुना अधिक है।
अवैध बस्तियां, जहां से गंदा पानी नदी में गिरता है, इस समस्या का मुख्य कारण हैं। श्रम विहार कॉलोनी (Court decision on Shram Vihar) भी इसमें शामिल है। सितंबर 2024 के आंकड़ों के आधार पर, यह स्थिति प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाती है। इस गंदे पानी के कारण नदी का पानी बहुत अपद्रवित हो गया है, जो मानव और पर्यावरण दोनों के लिए घातक है।
प्रशासन कहता है—
Delhi Development Authority ने एक हलफनामे में कहा कि श्रम विहार कॉलोनी दिल्ली सरकार की 1731 वैध कॉलोनियों की सूची में नहीं है। डीडीए (DDA) ने बताया कि यह कॉलोनी अबुल फजल एन्कलेव से अलग है, जो उसी क्षेत्र में है। इसका अर्थ है कि श्रम विहार कॉलोनी (Shram Vihar Colony) को कानूनन मान्यता प्राप्त कॉलोनियों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। डीडीए ने कहा कि यह स्थान और अन्य कॉलोनियों से अलग है।