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Delhi High Court : अब इन लोगों का वॉट्सऐप खत्म हो जाएगा, दिल्ली हाईकोर्ट को मेटा ने कही ये बड़ी बात

Information Technology Rules : व्हाट्सएप यूजरों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। अगर थोड़ी है यह शर्त तोड़ी आपका व्हाट्सएप खत्म हो जाएगा। WhatsApp ने दिल्ली हाईकोर्ट में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2021 को चुनौती दी है। वॉट्सऐप से पेश वकील ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई और कानून नहीं है। पढ़ें पूरी खबर

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Delhi High Court : अब इन लोगों का वॉट्सऐप खत्म हो जाएगा, दिल्ली हाईकोर्ट को मेटा ने कही ये बड़ी बात 

WhatsApp : व्हाट्सएप यूजरों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। अगर थोड़ी है यह शर्त तोड़ी आपका व्हाट्सएप खत्म हो जाएगा। WhatsApp ने दिल्ली हाईकोर्ट में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2021 को चुनौती दी है दिल्ली हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को चुनौती देते हुए कहा कि वॉट्सऐप (WhatsApp) खत्म हो जाएगा अगर प्राइवेसी शर्तों को तोड़ा गया। 14 अगस्त को, वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी मेटा द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में पेश की गई है।

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों पक्षों से पूछा कि क्या किसी अन्य देश में इस विषय पर कोई कानून है। वॉट्सऐप से पेश वकील ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई और कानून नहीं है। उनका दावा था कि यह नियम बिना किसी परामर्श के लागू किया गया था और यूजर्स की स्वतंत्रता के खिलाफ था। उन्हें प्राइवेसी की शर्त को तोड़ना होगा और कई वर्षों तक लाखों संदेशों को सुरक्षित रखना होगा। ऐसा करने से कंपनी समाप्त हो जाएगी। बेंच के सदस्य जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा ने कहा कि प्राइवेसी अधिकार पूरे नहीं हैं और संतुलन बनाना चाहिए। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि यह नियम सांप्रदायिक हिंसा जैसे मामलों में आवश्यक हैं।

मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त को

केंद्र ने यह भी कहा कि बड़े सार्वजनिक दायित्व में इस तरह की व्यवस्था विकसित करनी चाहिए अगर किसी प्लैटफॉर्म में एन्क्रिप्शन को तोड़े बिना पहले प्रवर्तक का पता लगाने का साधन नहीं है। सरकार ने 25 फरवरी, 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2021 जारी किया, जिसके अनुसार ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नवीनतम नियमों का पालन करना चाहिए था। 

बेंच ने कहा कि मामले को 14 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए. ऐसा किया जाना चाहिए ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 2021 आईटी नियमों के कई पहलुओं को चुनौती देने वाली अन्य सभी याचिकाओं को उसके पास भेजा जा सके।