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Delhi Metro : 3 नई मेट्रो लाइनों का कहां पहुंचा काम, DMRC ने बताया, यहां बनेगें 46 नए मेट्रो स्टेशन

दिल्ली मेट्रो का फेज 4 का काम तेजी से चल रहा है। कोरोना में लगी पाबंदियों के दौरान काम धीमा हुआ था, उसी का नतीजा है कि आज तक ये पूरा नहीं हो पाया। इस फेज पर स्टेशन भले ही कम हैं, लेकिन जब ये रूट शुरू हो जाएगा तो इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।
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Delhi Metro: Where has the work of 3 new metro lines reached, DMRC told, 46 new metro stations will be built here

Delhi News : पिछले दो दशकों में दिल्ली मेट्रो ने राजधानी के सार्वजनिक परिवहन का चेहरा पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। यही वजह है कि रोज करीब 55 से 60 लाख लोगों को ट्रैफिक जाम से बचाकर कम समय में सुरक्षित तरीके से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने वाली मेट्रो का दायरा आज भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

दिल्ली के हर कोने में रहने वाले लोग चाहते हैं कि उनके इलाके में मेट्रो आ जाए, ताकि उनकी आवाजाही आसान हो जाए। यहां तक कि जो लोग मेट्रो से सफर नहीं करते हैं, उन्हें भी नई मेट्रो लाइनों के बनने से कई तरह के दूसरे फायदे हो जाते हैं। जैसे कि नया मार्केट डिवेलप होता है, प्रॉपर्टी के दाम बढ़ जाते हैं और इलाके को एक नई पहचान मिलती है। मेट्रो के विस्तार के इसी क्रम में इन दिनों दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण (फेज-4) का काम चल रहा है।

दूसरा सबसे छोटा मेट्रो फेज

फेज-4 की सबसे खास बात यह है कि लंबाई के लिहाज से यह फेज-1 के बाद दिल्ली मेट्रो का दूसरा सबसे छोटा फेज होगा। वहीं, स्टेशनों की संख्या के मामले में यह अब तक का सबसे छोटा फेज साबित होगा। फेज-1 में जहां 64.75 किमी लंबे तीन मेट्रो कॉरिडोर्स पर 59 मेट्रो स्टेशन बनाए गए थे। वहीं, फेज-4 में 65.19 किमी लंबे तीन मेट्रो कॉरिडोर्स पर 46 नए मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

फेज-4 के तीन में से दो कॉरिडोर जहां पहले से संचालित मजेंटा और पिंक लाइन को एक्सटेंड करके बनाए जा रहे हैं, वहीं सिल्वर लाइन के रूप में एक पूरा नया कॉरिडोर भी बन रहा है। पिंक लाइन के विस्तार से पहली बार दिल्ली में रिंग रोड की तरह मेट्रो का एक पूरा रिंग तैयार हो जाएगा। वहीं, एक्सटेंशन होने के बाद मजेंटा लाइन ब्लू लाइन को पछाड़कर मेट्रो की दूसरी सबसे लंबी लाइन बन जाएगी। सिल्वर लाइन भी एयरपोर्ट तक आवाजाही को आसान बनाएगी।

ऊपर मेट्रो नीचे दौड़ेंगी गाड़ियां

इसी चरण में दिल्ली को पहली बार मेट्रो के डबलडेकर सेक्शन भी देखने को मिलेंगे, जिनमें एक ही ढांचे पर सबसे ऊपर मेट्रो चलेगी, उसके नीचे गाड़ियों के लिए फ्लाईओवर बनेगा और सबसे नीचे मेन रोड होगी। मजेंटा लाइन के जरिए लंबे समय बाद मेट्रो एक बार फिर पुरानी दिल्ली के सदर बाजार, नबी करीम और पुल बंगश जैसे घने इलाकों से होकर गुजरेगी। वहीं, यमुना पर मेट्रो का पांचवां पुल भी बन रहा है, जिस पर से होकर पिंक लाइन की मेट्रो उत्तरी दिल्ली से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में प्रवेश करेगी। तीनों कॉरिडोर पर बनने वाले 46 नए मेट्रो स्टेशनों में से 18 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, जबकि अन्य स्टेशन एलिवेटेड होंगे। 11 नए इंटरचेंज स्टेशन एक कोने से दूसरे कोने तक आवाजाही को और आसान बनाएंगे। कश्मीरी गेट (रेड, येलो और वॉयलेट लाइन) के बाद आजादपुर मेट्रो नेटवर्क का दूसरा ऐसा ट्रिपल इंटरचेंज वाला स्टेशन बन जाएगा, जहां तीन अलग-अलग लाइनें (येलो, पिंक और मजेंटा) आकर मिलेंगी।

यात्रियों के लिए होंगी कई सुविधाएं

फेज-4 के नए मेट्रो स्टेशनों में यात्रियों की सुविधा के लिए 179 लिफ्टें और 323 एस्केलेटर्स भी लगाए जा रहे हैं। इस बार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस, हैवी ड्यूटी वाली और स्वदेश में निर्मित ऐसी नई लिफ्टें लगाई जा रही हैं, जिनमें एक साथ 20 यात्री आ-जा सकेंगे। पहली बार यात्रियों की सुरक्षा के लिए लिफ्ट के अंदर भी सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। फेज-3 की तरह फेज-4 की लाइनों पर भी ड्राइवरलेस मेट्रो चलेंगी। साथ ही इस बार सभी अंडरग्राउंड स्टेशन पर एयरपोर्ट लाइन की तर्ज पर फुल हाइट वाले प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे, जबकि एलिवेटेड लाइनों के सभी स्टेशनों पर हाफ हाइट वाले प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे। अंडरग्राउंड सेक्शन के निर्माण के लिए मजेंटा और पिंक लाइन पर अभी दो-दो टनल बोरिंग मशीनों के जरिए खुदाई का काम चल रहा है। कई अत्याधुनिक यंत्रों के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि टनल निर्माण के दौरान कोई दुर्घटना ना हो और वाइब्रेशन की वजह से सतह पर बनी इमारतों को कोई नुकसान न पहुंचे।

काफी लेट चल रहा है प्रोजेक्ट

वैसे तो फेज-4 की लाइनों का करीब 40 प्रतिशत निर्माण काम पूरा हो चुका है, लेकिन यह फेज अपनी तय समय सीमा से काफी पीछे चल रहा है। कोविड की वजह से फेज-4 के निर्माण कार्यों पर जो असर पड़ा। उसके चलते दो बार डेडलाइंस को बढ़ाना करना पड़ा। इसी वजह से जो काम 2024-25 तक पूरा होने की उम्मीद थी, वह अब 2025-26 तक पूरा होगा।

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