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Delhi-NCR: 16 गांवों के 8700 किसानों की लगेगी लॉटरी, किसानों की ये बड़ी मांग होगी पूरी

Yamuna Development Authority : दिल्ली-NCR के 16 गांवों के करीब 8700 गांवों वालों के लिए बड़ी खूशखबरी सामने आई हैं। यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले प्रकाशनों में आईं आपत्तियों को हल करके योग्य किसानों की अंतिम सूची जारी की गई है। पढ़ें पूरी खबर 

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Delhi-NCR: 16 गांवों के 8700 किसानों की लगेगी लॉटरी, किसानों की ये बड़ी मांग होगी पूरी

The Chopal : यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) ने परियोजनाओं को प्रारंभ करने का प्रबंध पूरा कर लिया है। जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को सात प्रतिशत आबादी के भूखंड के आवंटन को ध्यान में रखते हुए सूची बनाई गई है। 30 जून तक सभी 16 गांवों में लगभग आठ हजार 700 किसानों को जमीन दी जाएगी। किसानों के विरोध के चलते यमुना सिटी में अटकी परियोजनाओं को गति मिलेगी।

यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले प्रकाशनों में आईं आपत्तियों को हल करके योग्य किसानों की अंतिम सूची जारी की गई है। ले-आउट के अनुसार विकास कार्य करने के लिए नियोजन और परियोजना विभाग को आदेश दिया गया है। जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को यमुना प्राधिकरण में सात प्रतिशत विकसित जमीन मिलेगी। 

पिछले कुछ समय से किसान आबादी भूखंड दिए जाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि वे जमीन अधिग्रहण के कई साल बाद भी इसका लाभ नहीं पाते हैं। यही कारण है कि वह प्राधिकरण क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं को पूरा करने में बाधा डालते हैं। इसलिए, यमुना प्राधिकरण सभी योग्य किसानों को जल्द से जल्द आबादी जमीन देने की तैयारी कर रहा है। पूर्व सूची के प्रकाशन पर की गई आपत्तियों का समाधान किया गया है।

अधिकारियों को बताया गया है कि गांव के आसपास जमीन को चिह्नित कर उसे विकसित करने के बाद आवंटन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।16 गांवों में किसानों की आबादी का 7% भूखंडों का लेआउट तैयार है। 30 जून तक सभी किसानों को आबादी भूखंड देने का लक्ष्य रखा गया है।

इन को मिलेगा फायदा 

रौनीजा, सलारपुर, फतेहपुर अट्टा, धनौरी, रुस्तमपुर, उस्मानपुर, चांदपुर, रामपुर, मूंजखेड़ा, खेरलीभाव, अच्छेजा बुजुर्ग, मोहम्मदपुर बुजुर्ग, पचोकरा, कादरपुर, निलौनी शाहपुर, जगनपुर अफजलपुर आदि गांव।

सेक्टरों में बसावट भी बढ़ेगी

यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आबादी के भूखंड के आवंटन से शहर में बसावट भी बढ़ेगी। किसान भी भूखंड के 50 प्रतिशत हिस्से पर व्यावसायिक गतिविधि कर सकते हैं, जैसा कि नियम कहता है। फिलहाल, आठ गांवों में 790 किसानों को आबादी जमीन दी गई है।