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दिल्ली-NCR को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिली, रेंगतें ट्रैफिक से मिलेगा छुटकारा

ग्रेनो से नोएडा के बीच एक नया राजमार्ग बनाने का काम हाल ही में शुरू हुआ है। नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने आवश्यकता को देखते हुए योजना को कार्यान्वित करने की योजना बनाई है। नोएडा अथॉरिटी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट होनी चाहिए।

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Delhi-NCR gets the gift of another expressway, will get relief from crawling traffic.

The Chopal : पहला विकल्प यह देखा जा रहा है कि मौजूदा एक्सप्रेसवे से हटकर यमुना पुश्ता रोड के ऊपर से एलिवेटेड रोड निकाला जाए। कितनी जमीन उपलब्ध है और इसके लिए क्या चुनौतियां होंगी? नोएडा अथॉरिटी और सिंचाई विभाग ने बुधवार को सर्वे किया। दोनों विभागों की संयुक्त टीमों ने सेक्टर-94 से सेक्टर-135 का दौरा किया। नोएडा अथॉरिटी के कार्यक्षेत्र-9 के प्रभारी विश्वास त्यागी टीम में शामिल हुए। रिपोर्ट अब तकनीकी अध्ययन के लिए भेजी जाएगी।

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एनएचआई इस राजमार्ग को बनाने की योजना बना रहा है। यह लक्ष्य है कि जेवर में जल्द ही शुरू होने वाले नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट को दिल्ली और नोएडा से सीधे कनेक्ट करना होगा। हाल ही में एनएचएआई ने दिल्ली में नोएडा, ग्रेनो और यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों और जिला प्रशासन के साथ एक बैठक की। एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष यादव भी इस बैठक में उपस्थित थे।

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में अधिकारियों से नए एक्सप्रेसवे की आवश्यकता बताई गई थी और उनसे विकल्प पूछे गए थे। नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे की चौड़ाई बढ़ाना पहला विकल्प था। इसके लिए पर्याप्त जमीन नहीं है। यह एक्सप्रेसवे के ऊपर से ही एलिवेटेड रोड निकालने का दूसरा विकल्प था. ऐसा करने से एक्सप्रेसवे का ट्रैफिक लंबे समय तक प्रभावित होगा। वर्तमान राजमार्ग की चौड़ाई भी कम होगी।

यमुना किनारे सेक्टर-94 से शुरू होने वाली पुश्ता रोड को चौड़ी करने का विचार तीसरा विकल्प था। इससे पता चला कि पुश्ता रोड के दोनों तरफ कई सेक्टर, गांव और खेत हैं। एक्सप्रेसवे बनने पर इन कटों को बंद करना होगा। इसलिए इस पुश्ता रोड के ऊपर से एलिवेटेड रोड निकाला जाए। इसमें सेक्टर-94 से ट्रैफिक नोएडा से ले जाएगा।

सरकार बजट का बड़ा हिस्सा देगी

नए राजमार्ग के निर्माण के लिए आवश्यक बजट पर भी चर्चा हुई है, सूत्रों ने बताया। इस पर यह निर्णय हुआ है कि सरकार निर्माण के खर्च का बड़ा हिस्सा देगी। तीनों अथॉरिटी अपने-अपने क्षेत्र या समान अनुपात में बाकी हिस्सा देंगी। तीनों अथॉरिटी सरकार से बजट मिलने की उम्मीद करते हैं।

एक्सप्रेसवे पर चल रहे वाहन

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर लगातार बढ़ता हुआ ट्रैफिक दबाव है। पीक आवर में ट्रैफिक रेंगता हुआ दिखाई देता है। एक्सप्रेसवे के आसपास अभी कई नए क्षेत्र विकसित होने लगे हैं। 6-7 नए क्षेत्र बस जाने के बाद शुरू होंगे, जहां औद्योगिक गतिविधियां शुरू होंगी और लोगों की बसावट भी होगी। यह विकास होते ही राजमार्ग पर ट्रैफिक दबाव और अधिक होगा।

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दोनों शहरों को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर जाम की समस्या होगी। यह देखते हुए नोएडा अथॉरिटी ने विकल्प खोजने की योजना बनाई। मार्च में एजेंसी चुनने के लिए भी टेंडर जारी किया गया था, जो विकल्प खोजकर रिपोर्ट देगा। लेकिन इसके बाद काम बंद हो गया। लेकिन अथॉरिटी ने एक्सप्रेस-वे के विकल्प के रूप में सिर्फ एक चौड़ी सड़क बनाने की योजना बनाई।