Metro : दिल्ली की इस मेट्रो लाइन पर अब 9 नहीं 11 नए स्टेशन बनेंगे, 2,700 करोड़ रुपये खर्च

जान लें कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट नालेज पार्क-5 तक एक्वा लाइन मेट्रो एक्सटेंशन प्लान का अलाइनमेंट बदलने जा रहा है. हालांकि, इससे पहले एक्वा लाइन मेट्रो को ब्लू लाइन से सेक्टर-52 में जोड़ने का प्लान था. अब इसको बदल दिया गया है. लेकिन अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ओर जाने वाली एक्वा लाइन मेट्रो सेक्टर-61 में ब्लू लाइन मेट्रो से जुड़ेगी. इसके मद्देनजर डीपीआर तैयारी की जा रही है.

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Delhi NCR Metro : इस मेट्रो लाइन पर अब 9 नहीं 11 नए स्टेशन बनेंगे, 2,700 करोड़ रुपये का आएगा खर्च

Noida Greater Noida Route Change: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों के बहुत जरूरी खबर है. अगर आप मेट्रो से सफर करते हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें. दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच चलने वाली मेट्रो के रूट में बदलाव किया जा रहा है.

इसके लिए जल्द से जल्द डीपीआर तैयार होगी. अब इस रूट में 9 की जगह 11 स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके लिए डीएमआरसी ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है. इससे इलाके में रहने वाले लोगों को सुविधा होगी. आइए पहले नोएडा टू ग्रेटर नोएडा वाले मेट्रो के नए रूट के बारे में जान लेते हैं.

2700 करोड़ के खर्च से बन रही मेट्रो

बता दें कि नया मेट्रो रूट सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क 5 तक बनाया जाएगा, जिसमें 11 स्टेशन बनाए जाएंगे. ये भी जान लीजिए कि दिल्ली मेट्रो और नोएडा मेट्रो को भी आपस में जोड़ा जाएगा. पहला स्टेशन सेक्टर-61 के सामने बनेगा, जहां पर दिल्ली की ब्लू लाइन और नोएडा की एक्वा लाइन को जोड़ा जाएगा. नई मेट्रो रूट को लेकर करीब 2,700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

ब्लू लाइन से जोड़ी जाएगी एक्वा लाइन

जान लें कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट नालेज पार्क-5 तक एक्वा लाइन मेट्रो एक्सटेंशन प्लान का अलाइनमेंट बदलने जा रहा है. हालांकि, इससे पहले एक्वा लाइन मेट्रो को ब्लू लाइन से सेक्टर-52 में जोड़ने का प्लान था. अब इसको बदल दिया गया है. लेकिन अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ओर जाने वाली एक्वा लाइन मेट्रो सेक्टर-61 में ब्लू लाइन मेट्रो से जुड़ेगी. इसके मद्देनजर डीपीआर तैयारी की जा रही है.

करीब 2.5 किलोमीटर बढ़ जाएगा रूट

रूट बदलने के बाद ब्लू लाइन के सेक्टर-61 से एक्वा लाइन जुड़ने के बाद मेट्रो घूमकर जाएगी. इसका रूट करीब 2.5 किलोमीटर तक लंबा हो जाएगा. सरकार से मंजूरी मिलने के बाद एनएमआरसी डिटेल सर्वे करवाएगी और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करेगी.

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