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Delhi NCR Property : दो बिल्डरों के विवाद में पीस रहे NCR के हजारों घर खरीदार, सालों से अपने फ्लैट का इंतजार

Delhi NCR Property Update : दिल्ली एनसीआर में दो बिल्डरों के विवाद में हजारों घर खरीदार पीड़ित हो रहे हैं। ये खरीदार सालों से अपने फ्लैट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक अपने फ्लैट नहीं मिल पाए हैं। विवाद का मुख्य कारण है कि दोनों बिल्डरों के बीच एक भूमि विवाद है। यह विवाद पिछले कई सालों से चल रहा है और इस वजह से निर्माण कार्य रुका हुआ है।
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Delhi NCR Property: Thousands of NCR home buyers are grinding due to the dispute between two builders, waiting for their flat for years

Property : दो बिल्डरों की आपसी लड़ाई में गुरुग्राम सेक्टर-89 (Gurugram Sector-89) के ओरिस ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट के 1600 घर खरीदारों को अपना घर नहीं मिल पा रहा है। लोग बिल्डर से लेकर नगर योजनाकार विभाग के चक्कर काट-काटकर अब थक चुके हैं। बिल्डर (Builder) को फ्लैट का पैसा भी दे चुके हैं, लेकिन बिल्डर बंद पड़े प्रोजेक्ट को चालू कर खरीदारों को घर देने के लिए आगे नहीं आया।

इस मामले को लेकर ओरिस ग्रीनोपोलिस एसोसिएशन ने नगर योजनाकार विभाग के महानिदेशक टीएल सत्य प्रकाश से शिकायत की। करीब 800 घर खरीदारों ने उनसे मिलने के लिए समय मांगा है।

हिस्सेदारी को लेकर लड़ाई : ओरिस ग्रीनोपोलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके अरोड़ा ने शिकायत में कहा है कि सेक्टर-89 में ओरिस डेवलपर्स को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की तरफ से करीब 37 एकड़ में ग्रुप हाउसिंग टाउनशिप विकसित करने का वर्ष 2011 में लाइसेंस जारी किया गया था। इसमें ओरिस द्वारा 3सी कंपनी के साथ कोलोब्रेशन की गई, जिसमें निर्माण कार्य का जिम्मा 3सी शेल्टर्स कंपनी का था। निर्माण के बाद 3सी कंपनी को 35 प्रतिशत फ्लैट ओरिस को हैंडओवर करने थे और 65 प्रतिशत अपने पास रखने थे। इसमें कुल 1810 फ्लैटों का निर्माण किया जाना था, लेकिन कंपनी ने फ्लैटों का निर्माण नहीं किया, बल्कि 3सी शेल्टर्स ने खरीदारों से करीब 612 करोड़ रुपये लिया। इस रकम में हेराफेरी कर दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया। इसके चलते कंपनी दिवालिया घोषित कर दी गई।

सात सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के आदेश हुए थे : ओरिस ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट में कोलैबोरेटर 3सी शेल्टर्स कंपनी दिवालिया हो गई। इसके बाद दिवालियापन की प्रक्रिया के तहत खरीदारों को अपने फ्लैटों को क्लेम करने के लिए अंतिम मौका देते हुए चार सप्ताह का समय दिया गया। एनसीएलटी के 26 मई के आदेश के बाद ग्रीनोपोलिस वेलफेयर एसोसिएशन ने एनसीएलएटी में अपील दायर कर चुनौती दी थी। इस आदेश में आईआरपी को क्लेम रि-वेरिफिकेशन की छूट देते हुए सात सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे।

क्लेम के लिए मांगे गए थे दस्तावेज : ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट के अंतरिम समाधान पेशवर (आरआईपी) प्रदीप कुमार कौशिक के अनुसार पब्लिक नोटिस के माध्यम से 20 जुलाई से 3सी शेल्टर्स कंपनी के खरीदारों को फ्लैट क्लेम करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया था। खरीदारों से पूरे कागजात के साथ भेजने के लिए कहा गया।

एसोसिएशन ने सत्यापन का विरोध किया

एनसीएलटी द्वारा नियुक्त आईआरपी प्रदीप कुमार कौशिक ने आदेश के बाद क्लेम की रि-वेरिफिकेशन शुरू करते हुए प्रत्यक्ष सत्यापन भी शुरू कर दिया था। इस पर आपत्ति जताते हुए ग्रीनोपोलिस वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से अपील दायर की गई थी। कोर्ट ने अपील डिस्पोज करते हुए कहा था कि आईआरपी अगर जरूरी समझे तो प्रत्यक्ष सत्यापन कर सकते है। क्लेम रि-वेरिफिकेशन भी कर सकते है। इसके साथ ही 3सी शेल्टर्स कंपनी में बुक कराए गए फ्लैटों के खरीदारों को फ्लैट क्लेम करने के लिए भी चार सप्ताह का समय देने का आदेश भी दिया। आईआरपी के अनुसार अब तक उनके पास करीब 750 क्लेम आए थे। जिनमें से 350 की प्रत्यक्ष सत्यापन हो चुका है। इन 350 खरीदारों को दोबारा से क्लेम देने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा जो भी खरीदार है, वह अपने क्लेम दे सकते है। इसमें 3सी शेल्टर्स कंपनी द्वारा कुछ फ्लैटों का मल्टीपल आवंटन किया हुआ है।

महानिदेशक से मिलने का समय मांगा

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि नगर योजनाकार विभाग के महानिदेशक टीएल सत्यप्रकाश से ग्रीनोपोलिस परियोजना के बारे में मिलने के समय मांगा है। ओरिस ग्रीनोपोलिस वर्ष 2012 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ था और वर्ष 2015 में सभी को फ्लैट पर पजेशन मिलना था, लेकिन दो बिल्डरों में हिस्सेदारी को लेकर हुए विवाद के चलते प्रोजेक्ट बीच में ही बंद हो गया। इसलिए 1600 से ज्यादा घर खरीदार पिछले काफी समय से इस प्रोजेक्ट में बुरी तरह फंसे हुए हैं। परियोजना के 800 घर खरीदार महानिदेशक से मिलने के लिए मांगा है। समय मिलने के बाद प्रोजेक्ट की लापरवाही से अवगत कराया जाएगा।

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