Delhi News : जेल से ये कैदी होंगे रिहा, एलजी ने नियमों में किया बदलाव
Delhi prison rule amendment - दिल्ली जेल से रिहा किए जाने के योग्य कैदियों की सूची भी बनाई जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण के बाद यह कमेटी LG को कैदियों की सूची भेजेगी।
The Chopal, New Delhi : उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली की जेलों में बंद बुजुर्ग कैदियों को बड़ी राहत दी है। 2018 में दिल्ली जेल नियमों में संशोधन पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने हस्ताक्षर किए हैं। उप राज्यपाल के इस निर्णय से 70 वर्ष से अधिक आयु के कैदी जो अपनी आधी सजा काट चुके हैं, समयपूर्व रिहा हो सकेंगे। इसके तहत उम्रकैद या मौत की सजा पाने वाले कैदियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। इसके अलावा, आतंकवाद या पॉक्सो केस में जेल में बंद वैसे कैदियों को इसका फायदा नहीं मिलेगा।
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राजनिवास के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेल में बहुत अधिक कैदियों की भीड़ को समयपूर्व रिहाई से कम किया जा सकेगा। इन जेलों में 10,026 कैदियों की क्षमता है, लेकिन आज 20,000 से अधिक कैदी हैं।
कौन-से कैदी रिहा होंगे?
जेल से रिहा किए जाने के योग्य कैदियों की सूची भी बनाई जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण के बाद यह कमेटी LG को कैदियों की सूची भेजेगी। एलजी के अप्रूवल के बाद ही इस पर निर्णय होगा। दरअसल, एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बुजुर्ग और लाचार कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया।
Delhi Prison Rules 2018 के नियम संख्या 1251 के अनुसार, सिर्फ उन्हीं कैदियों को रिहा किया जाता है जिन्होंने 14 साल की सजा काट ली है। वे Sentence Review Board की सिफारिश पर रिहा हो सकते हैं। वर्तमान जेल नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं. इसके अनुसार, कैदी जिनकी उम्र 70 साल से अधिक है और उनकी दैनिक कर्तव्यों को पूरा नहीं कर पाते, रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर रिहा किया जाएगा।
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यह कमेटी सिर्फ मेडिकल बोर्ड की मंजूरी के बाद किसी कैदी को रिहा करने की सिफारिश करेगी। इस कमेटी में जेल अधीक्षक, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (जेल), सरकारी अस्पताल से दो विशेषज्ञ डॉक्टर और जेल के पूर्व मेडिकल ऑफिसर शामिल होंगे। रिव्यू कमेटी ने कैदियों को रिहा करने पर निर्णय लेने से पहले उनसे संबंधित अपराधों और उनके पीड़ितों की प्रतिक्रिया भी सुनेगी। AIIMS जैसे किसी भी मेडिकल संस्था से भी डीजी सलाह ले सकते हैं।
