Delhi से मुंबई के अब लगेंगे मात्र 12 घंटे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का इस महीने पूरा हो जाएगा काम

The Chopal, New Delhi : दिल्ली से मुंबई घूमने जाने वाले अभी तक या तो ट्रेन से सफर करते हैं या फिर फ्लाइट बुक कराते हैं. लेकिन, दोनों ही रास्तों में वह रोमांच कहां, जो अपनी कार से सफर का मजा लेने में है. समय ज्यादा लगने की वजह से अभी लोग दिल्ली से मुंबई अपनी कार से जाना पसंद नहीं करते. सरकार ने ऐसा सुपर प्लान बनाया है कि बस 4 महीने और रुक जाइये फिर सुबह दिल्ली से चलकर शाम मुंबई में बिताएंगे, वह भी अपनी कार से.
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मनीकंट्रोल से कहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस (Delhi-Mumbai Expressway) को इसी साल दिसंबर तक शुरू कर दिया जाएगा. इसका मतलब है कि अपने शिड्यूल टाइम से यह करीब एक साल पहले ही सफर के लिए खुल जाएगा. 1,386 किलोमीटर का बन रहा यह एक्सप्रेस, देश में सबसे लंबा है. नितिन गडकरी ने कहा है कि करीब 1 लाख करोड़ की लागत से बन रहा यह एक्सप्रेसवे दिसंबर तक तैयार हो जाएगा. इससे दोनों शहरों के बीच सफर का समय 12 घंटे कम हो जाएगा.
कहां तक हो गया काम
गडकरी ने कहा कि हम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) पर वडोदरा तक का काम पूरा कर लिया है और प्रधानमंत्री जल्द ही रतलाम तक के हिस्से का भी उद्घाटन कर देंगे. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे सूरत तक बन चुका है और उसके आगे निर्माण के लिए काम को 12 भागों में बांट दिया गया है. इसमें से 6 भाग के का टेंडर अब तक दिया जा चुका है और सोलापुर पैकेज पर काम शुरू भी हो चुका है. सूरत से नासिक के बीच में कुछ पर्यावरण को लेकर समस्या थी, जिसे सुलझा दिया गया है.
दिल्ली से चेन्नई की दूरी भी घटेगी
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने भरोसा जताया कि इस एक्सप्रेसवे पर 70 से 80 फीसदी काम पूरा होने के बाद इस साल के आखिर तक दिल्ली से चेन्नई के बीच की दूरी भी 320 किलोमीटर कम हो जाएगी. केंद्र सरकार की योजना है कि चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री जल्द ही एक्सप्रेसवे के 244 किलोमीटर के एक और हिस्से का उद्घाटन कर देंगे. मध्य प्रदेश से गुजरने वाले 8 लेन सेक्शन की शुरुआत राजस्थान बॉर्डर के नीमथुर गांव से होती है, जो गुजरात बॉर्डर पर तीमारवानी गांव के पास खत्म होती है. इस दौरान एक्सप्रेसवे गरोध, जाओरा, रतलाम और टांडला श्हरों से होकर गुजरेगा.
दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे भी बन रहा
गडकरी ने कहा कि सूरत से चेन्नई के बीच दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे भी बनाया जा रहा है. जनवरी, 2023 में ही इसका काम शुरू हो चुका है और इसकी कुल लागत करीब 45 हजार करोड़ रुपये आएगी. मंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ को एक हाथ से दूसरे हाथ में ट्रांसफर करके ही जल्द हासिल किया जा सकता है. हम देश में रोड और हाईवे बनाते समय इकोलॉजी और पर्यावरण का खास ख्याल रखते हैं.
प्लास्टिक और टायर का इस्तेमाल
गडकरी ने कहा कि अभी तक एक्सप्रेसवे पर बांस के क्रैश बैरियर और फिसलन से बचाने के लिए टायर मैटेरियल का इस्तेमाल किया जा चुका है. हाईवे के 703 किलोमीटर के हिस्से को वेस्ट प्लास्टिक के इस्तेमाल से बनाया गया है. हम जल्द ही ऐसी पॉलिसी लाने की तैयारी में हैं, जिसमें सड़क निर्माण में निगम के कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा. इस बारे में मंत्रालय ने पहले ही शहरों के आसपास 50 किलोमीटर के दायरे में प्लास्टिक इस्तेमाल करने की गाइडलाइन बना दी है. ऐसे शहर जहां 5 लाख से ज्यादा की जनसंख्या रहती है, वहां सड़क निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल जरूरी होगा.
पहाड़ों पर बनेंगी जबरदस्त सड़कें
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि पहाड़ी राज्यों में भी दमदार सड़कें बनाई जाएंगी और इसके लिए विदेशी कंपनियों को ऑफर किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी अच्छी सड़कें बनाने की तैयारी है. हम यह स्वीकार करते हैं कि विदेशी कंपनियों से परामर्श लेने का यही सबसे सही समय है और ग्रीन फ्यूल व सेफ्टी जैसे मानकों को पूरा करते हुए पहाड़ों पर अच्छी रोड बनाना हमारी प्राथमिकता है. पहाड़ी राज्यों में हाल में बारिश से हुई परेशानी से निपटने के लिए स्विटरजरलैंड के एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है और हम बाढ़ से सुरक्षा संबंधी प्लान पर काम कर रहे हैं.
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