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Dharavi : अडानी बदलेंगे एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती का नक्शा, मिलेंगे पक्के मकान, नौकरी

Mumbai News : देश का सबसे बड़ा बिज़नेस ग्रुप, अब एशिया की सबसे बड़ी स्लम जो मुंबई में है, उसका कायाकल्प करने जा रहा है , अडानी को ये प्रोजेक्ट मिला है और इस प्रोजेक्ट से बहुत सारे लोगों को मकान, नौकरी इत्यादि मिलेगी
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Dharavi Slum

Mumbai : फिल्म में मुंबई दिखाया जाए और उसमें धारावी ना हो ऐसा होना लगभग नामुमकिन है. इसे एशिया का सबसे बड़ा स्लम या झुग्गी-बस्ती वाला एरिया माना जाता है. यह मुंबई में ऐसी जगह पर मौजूद है जहां से बिलकुल नजदीक देश के सबसे महंगे कॉर्पोरेट स्पेस में से एक बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स है. धारावी एक बेहद प्राइम लोकेशन पर 2.8 वर्ग किलोमीटर में फैला स्लम है. इसलिए सरकार इसे पिछले लगभग 20 साल से रीडेवलप करने की योजना बना रही है.

कई बार इसके लिए टेंडर निकाले गए, फिर उन्हें कैंसिल कर दिया गया. 2004 में सबसे पहले रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा गया. इसमें 68,000 लोगों के स्थानांतरण की बात थी. इनमें झुग्गियों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ फैक्ट्रियां/वर्कशॉप आदि भी शामिल थीं. इस प्लान में उन लोगों को मुफ्त में पक्के घर दिए जाने थे जिनके पास वहां 1 जनवरी 2000 पहले से रहने का प्रमाण था. इसके बाद वालों को पैसे लेकर घर दिए जाने की योजना थी. हालांकि, यह प्लान परवान नहीं चढ़ा. इसी तरह सरकारें बदली और कई और प्लान आए लेकिन कुछ भी पक्का नहीं हो पाया.

2018 में फिर हुई कवायद शुरू

2018 में देवेंद्र फडण्वीस की अगुआई वाली सरकार ने एक बार फिर रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए एक नए मॉडल को मंजूरी दी. इसके लिए बोलियां मंगाई गई और दुबई की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी सेक्लिन टेक्नोलॉजी ने अडानी समूह को पछाड़ते हुए बोली जीत ली. हालांकि, रेलवे की जमीन को इसमें शामिल करने को लेकर हुई कुछ विवाद के बाद इसे कैंसिल कर दिया गया. 2020 में उद्धव ठाकरे सरकार ने इससे संबंधित जितने भी टेंडर थे उन्हें कैंसिल कर दिया और कहा कि नए टेंडर लाए जाएंगे.

अबकी अडानी ग्रुप बना विजेता

रीडेवलपमेंट के लिए दोबारा टेंडर खोले गए और 2022 में गौतम अडानी की अगुआई वाले अडानी समूह ने बोली जीत ली. धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के सीईओ SVR श्रीनिवास ने बताया कि 5,069 की बोली लगाकर अडानी समूह ने यह बोली जीती. यह डीएलएफ द्वारा लगाई गई 2025 करोड़ रुपये की बोली से दोगुनी थी. गौरतलब है कि गौतम अडानी भी धारावी में रह चुके हैं. वह बताते हैं कि जब वह मुंबई पहली बार 1970 में हीरे का कारोबार करने के लिए आए थे तो उन्होंने धारावी में ही शरण ली थी.

क्यों अलग है धारावी प्रोजेक्ट

धारावी री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट दुनिया की सबसे बड़ी पुनर्वास और पुनरुद्धार परियोजना है. इसमें करीब 10 लाख लोगों का पुनर्वास किया जाना है. इसमें केवल आवासीय नहीं बल्कि व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का भी रीडेवलपमेंट होगा. इसमें पात्र-अपात्र दोनों लोगों को घर दिए जाएंगे. गौतम अडानी ने कहा है कि अभी धारावी में घुसते ही नाक पर रुमाल रखना पड़ता है लेकिन कुछ समय बाद ये अतीत हो जाएगा. उन्होंने कहा है कि यहां गैस, पानी, साफ-सफाई, स्वास्थ्य देखभाल और मनोरंजन की सुविधाओं के साथ-साथ विश्वस्तरीय अस्पताल और स्कूल बनाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि धारावी का रीडेवलपमेंट शुरू करने से यहां रह रहे लोगों को अस्थाई रूप से कहीं स्थानांतरित उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी. उसके बाद ही इसके पुनर्विकास का काम शुरू होगा.

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