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वाराणसी में 50 से ज्यादा जगहों का नाम बदलने को लेकर चर्चा, औरंगाबाद भी शामिल

UP News:उत्तर प्रदेश में वाराणसी में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश का वाराणसी जिला कृषि और बनारस के नाम से भी जाना जाता है। अब यहां 50 मोहल्‍लों के नाम बदलने की तैयारी चल रही है।

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वाराणसी में 50 से ज्यादा जगहों का नाम बदलने को लेकर चर्चा, औरंगाबाद भी शामिल

Uttar Pradesh News: वाराणसी में लगभग 50 मोहल्लों के नाम बदलने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में इस विषय पर चर्चा की संभावना है। हिंदूवादी संगठनों ने लंबे समय से वाराणसी के मोहल्लों के नाम बदलने की मांग की है। इसकी प्रक्रिया अब तेज होती दिखती है। हिंदूवादी संगठन इन मोहल्लेों के नाम को लेकर विरोध करते हैं। आज नगर निगम कार्यकारिणी में इस पर चर्चा हो सकती है।

दुनिया भर में प्रसिद्ध धार्मिक नगर वाराणसी के 50 मोहल्‍लों के नाम बदलने की योजना है, जो काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है। इस विषय पर गुरुवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा हो सकती है। हिंदूवादी संगठनों ने लंबे समय से वाराणसी के मोहल्लों के नाम बदलने की मांग की हैं । इसकी प्रक्रिया अब तेज होती दिखती है।  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न मुद्दों के अलावा मोहल्लों के नाम बदलने पर भी चर्चा होगी। बिंदु 5 के 8वें कॉलम में औरंगाबाद नगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर या नारायणी धाम नगर करने के बारे में चर्चा होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस विषय पर चर्चा

औरंगाबाद नगर का नाम बदलने की मांग करते हुए वाराणसी में वैदिक स्नातन न्यायालय ने पिछले 20 मार्च को नगर आयुक्त को पत्र भेजा था। 24 मार्च को वाराणसी पहुंचे जगतगुरु रामभद्राचार्य ने भी मोहल्लों का नाम बदलने का आह्वान किया था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक प्रश्न पर जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि आक्रांताओं के नाम पर मोहल्ले नहीं हो सकते।  इन नामों को बदलना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस विषय पर चर्चा करने की बात कही।

सनातन रक्षक दल के प्रदेश प्रमुख अजय शर्मा ने कहा कि मदनपुरा गोल चबूतरा का नाम सिद्ध पीठ या सिद्ध महल होना चाहिए। गोलगड्डा को भी विश्वकर्मा नगर या विश्वकर्मा तीर्थ कहना चाहिए। पीलीकोठी को स्वर्णतीर्थ, कज्जाकपुर या सरैया को अनारस तीर्थ और अंबा मंडी को अमरेश्वर तीर्थ करना चाहिए। खालिसपुर को ब्रह्मेश्वर महालया ब्रह्मतीर्थ नाम देना चाहिए। वाराणसी में करीब 50 मोहल्ले हैं जिनके नाम को लेकर हिंदूवादी संगठन नाराज हैं। अब वाराणसी नगर निगम की कार्यकारिणी उनके नाम बदलने की मांग करेगी।
 

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