Divorce cases : पति को तलाक लेना पड़ा भारी, तीन करोड़ के साथ देना पड़ा एक फ्लैट, हाईकोर्ट का निर्देश
High court decision : कोर्ट में हर दिन तलाक के मामले आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला हाई कोर्ट में हाल ही में सामने आया है। पति को इस मामले में डाइवोर्स (High Court decision on divorce) लेना बहुत मुश्किल था। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने निर्णय दिया कि डाइवोर्स के समय पति को अपनी पत्नी को तीन करोड़ रुपये कैश में देने होंगे। इसके अलावा, उनके नाम पर ही कार्य करने का आदेश भी दिया गया है। आइए हाईकोर्ट के इस फैसले को जानें।

The Chopal, High court decision : जब भी पति-पत्नी तलाक लेते हैं, अक्सर कोर्ट पत्नी को मुआवजा देने का आदेश देता है। पति की आय पर इस मुआवजे की राशि निर्भर करती है। हाईकोर्ट में हाल ही में एक मामला दर्ज हुआ है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पति को अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए तीन करोड़ रुपये देने होंगे। उन्हीं के नाम पर एक फ्लैट भी बनाया जाएगा। खबर में पूरा मामला पढ़ें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश किया गया मामला:
इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाल ही में एक तलाक का मामला सामने आया है। मामले में भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस मामले को कोर्ट में बहुत समय तक बहस चलती रही। विवादों की वजह से पति-पत्नी की शादी को छोड़कर तलाक के नियमों का पालन करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पति से अपनी जगह को पत्नी का नाम देने को कहा। पति का फ्लैट नोएडा में है। फ्लैट के अलावा गुजारे भत्ते के रूप में तीन करोड़ रुपये देने का आदेश दिया। कोर्ट ने पति को इस रकम को देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है।
पत्नी के नाम फ्लैट था
कोर्ट के मामले में विपिन कुमार जायसवाल (Vipin Kumar Jaiswal) ने 6 दिसंबर 1994 को मनीषा अग्रवाल से शादी की थी। इन दोनों ने फर्रुखाबाद में विवाह किया था। इन दोनों की शादी को तीस साल हो गए हैं (HC निर्णय पर विवाह)। दोनों बच्चे हैं। कंपनी के मालिक विपिन कुमार जायसवाल ने 1999 में अपनी पत्नी के नाम पर नोएडा में एक फ्लैट खरीदा था। विपिन कुमार की पत्नी के पिता कुछ समय बाद मर गए, तो उनकी पत्नी अपने बच्चों को अपनी मां के साथ रहने लगी।
पत्नी की शिकायत
2007 में, पत्नी ने पति को नोएडा के फ्लैट से निकाल दिया, क्योंकि घरेलू विवादों में वृद्धि हुई (HC decision on domestic disputes)। बाद में उन्होंने कोर्ट में भी केस दर्ज किया। साथ ही, उन्होंने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा (HC decision on domestic violence) का केस दायर किया था।
फैमिली कोर्ट ने फैसला सुनाया:
फैमिली कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी को अलग रहने के आधार पर तलाक देने से मना कर दिया. फैमिली कोर्ट की नवीनतम अपडेट फैमिली कोर्ट का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अब कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान, विपिन कुमार जायसवाल ने अपनी पत्नी को रिहा करने के लिए एक साथ तीन करोड़ रुपये देने का ऐलान किया (HC decision on maintance)। इसके अलावा, उन्होंने पत्नी को नोएडा में एक फ्लैट देने की भी अनुमति दी।
पति की अपील को मंजूरी दी गई—
हाई कोर्ट ने भुगतान करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने मामले को समाप्त कर दिया और तलाक को भी मंजूरी दी है। साथ ही, हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तलाक देने से इंकार करने का आदेश भी खारिज कर दिया है। विपिन कुमार जायसवाल की पहली अपील को हाई कोई ने मंजूर कर दिया है। करते हुए प्रदान किया गया है।