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दालों की महंगाई के चलते सरकार ने उठाया बड़ा कदम, मंडियो सहित दाल ट्रेडर्स की होगी जांच

Pulses Hoarding Crackdown : लोकसभा के चलते दालों की बढ़ती कीमत सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. सरकार ने सभी दाल आयातकों मिलों सहित दालों के व्यापार से जुड़े व्यापारियो  को स्टॉक लिमिट का खुलासा करने के निर्देश जारी किए हैं.
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दालों की महंगाई के चलते सरकार ने उठाया बड़ा कदम, मंडियो सहित दाल ट्रेडर्स की होगी जांच

The Chopal, Pulses Hoarding Crackdown : लोकसभा के चलते  दालों की बढ़ती कीमत सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. सरकार ने सभी दाल आयातकों मिलों सहित दालों के व्यापार से जुड़े व्यापारियो  को स्टॉक लिमिट का खुलासा करने के निर्देश जारी किए हैं. बावजूद बाजार में उपलब्धता और आपूर्ति दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार जमीनी स्तर पर जांच के लिए टीमों के निर्देशित किया है. यह टीमें गोदामों, मंडियों और दालों के कारोबारियों के यहां स्टोरेज का आकलन करेंगी. 

दालों की बढ़ती कीमतों से चिंतित केंद्र सरकार तूर यानी अरहर और उड़द दाल के स्टॉक खुलासा करने के संबंध में जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने की योजना बना रही है. दो वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि सरकार को डर है कि जमाखोरी हो रही है, जिससे कीमतें और बढ़ने की आशंका है. ऐसे में जमीनी जमीनी हकीकत पता लगाने के लिए अधिकारी देशभर के गोदामों, मिलों और मंडियों का दौरा करेंगे. एक अधिकारी ने कहा कि पहली कार्रवाई प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में होने की उम्मीद है.

मंडियों, गोदामों की जांच और बैठकें करेंगे अधिकारी 

अधिकारियों ने कहा कि हम पूरे देश का दौरा करने जा रहे हैं, क्योंकि हमें लगता है कि व्यापारिक संस्थाएं दालों की जमाखोरी कर रही हैं. पहले दौर में हम इस सप्ताह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित पांच से सात राज्यों का दौरा करने की योजना बना रहे हैं. इस दौरान हम विशेष रूप से अरहर, उड़द, पीली मटर और चना पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इसके तहत राज्यों के अधिकारियों, स्टेहोल्डर्स, मंडियों, मिल मालिकों और आयातकों के परिसरों का दौरा करने और व्यापार संस्थाओं के साथ बैठकें भी की जाएंगी. 

आपूर्ति बढ़ाने के लिए दिसंबर से प्रयासरत सरकार 

दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार का यह एक और प्रयास है. इससे पहले सरकार ने दिसंबर से इस साल जून तक पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी है, ताकि घरेलू बाजार में दालों तूर और उड़द की कमी न होने पाए. जबकि, किसानों को दालों की अतिरिक्त बुवाई के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. जबकि, घरेलू दाल उत्पादकों से सीधे एमएसपी रेट पर खरीद के लिए दाल खरीद केंद्रित पोर्टल ई-समृद्धि भी संचालित किया जा रहा है. 

दालों की महंगाई चिंता का कारण 

कीमतों को नियंत्रण में रखने के कई उपायों के बावजूद कई दालों की ऊंची कीमतें कई महीनों से सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं. हालांकि, दालों की मुद्रास्फीति फरवरी में 18.9 फीसदी से मामूली रूप से घटकर मार्च में 17.71 फीसदी हो गई, लेकिन कम उत्पादन के कारण अरहर दाल की कीमत में 33.54 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. इसीलिए सरकार खरीफ सीजन में दालों की बुवाई रकबा बढ़ाकर उत्पादन अधिक करना चाहती है, ताकि बाजार में उपलब्धता और कीमतों को नियंत्रित किया जा सके.