राजस्थान में देर रात लगे भूकंप के झटके, धरती हिलने से लोगों में दहशत लेकिन अब हालात सामान्य
Rajasthan Earthquake : स्थानीय निवासियों का कहना है कि झटकों के दौरान घरों में रखी हल्की वस्तुएं हिलने लगीं। कुछ लोगों ने बताया कि पंखे डोलने लगे, जबकि दरवाजों और खिड़कियों से हल्की आवाजें भी सुनाई दीं।
Rajasthan Earthquake Tremors In Sikar: राजस्थान के सीकर जिले में बुधवार देर रात भूकंप के हल्के झटकों से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। रात करीब 12 बजकर 4 मिनट पर अचानक जमीन में कंपन महसूस किया गया, जिससे शहर सहित आसपास के कई इलाकों में लोग सहम गए। झटके महसूस होते ही अनेक लोग नींद से जाग गए और एहतियात के तौर पर अपने घरों से बाहर निकल आए।
जानकारी के अनुसार, भूकंप के झटके करीब 5 से 7 सेकंड तक महसूस किए गए। सीकर शहर के अलावा पलसाना, जीणमाता और खाटूश्यामजी क्षेत्र में भी लोगों ने जमीन के हिलने की पुष्टि की है। रात का समय होने के कारण अधिकांश लोग सो रहे थे, लेकिन अचानक आए झटकों से उनकी नींद खुल गई।
घरों में हिली वस्तुएं, लोगों ने सुनी आवाजें
स्थानीय निवासियों का कहना है कि झटकों के दौरान घरों में रखी हल्की वस्तुएं हिलने लगीं। कुछ लोगों ने बताया कि पंखे डोलने लगे, जबकि दरवाजों और खिड़कियों से हल्की आवाजें भी सुनाई दीं। पलसाना और जीणमाता क्षेत्र में कई परिवार डर के कारण तुरंत बाहर निकल आए और कुछ देर तक खुले स्थानों में खड़े रहे। खाटूश्यामजी इलाके के निवासियों ने भी हल्के कंपन की सूचना दी है। हालांकि झटकों की तीव्रता अधिक नहीं थी, लेकिन अचानक आए कंपन ने लोगों को दहशत में डाल दिया।
किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं
भूकंप के बाद प्रशासन और स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाई गई। राहत की बात यह रही कि कहीं से भी जान-माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। भूकंप के झटके हल्के होने के कारण किसी इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा और न ही किसी के घायल होने की सूचना मिली। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
राजस्थान में भूकंप का जोखिम कितना?
विशेषज्ञों के अनुसार, राजस्थान भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में नहीं आता, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में हल्के से मध्यम तीव्रता के झटके समय-समय पर महसूस किए जाते रहे हैं। सीकर और आसपास का क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला माना जाता है, फिर भी टेक्टोनिक गतिविधियों के कारण कंपन महसूस हो सकता है।
भूकंप क्यों आता है?
भूकंप धरती के अंदर होने वाली भूगर्भीय हलचलों का परिणाम होता है। पृथ्वी की सतह कई टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या इनके बीच अत्यधिक दबाव बनता है, तो भीतर संचित ऊर्जा अचानक बाहर निकलती है। इसी ऊर्जा के मुक्त होने से धरती में कंपन उत्पन्न होता है, जिसे भूकंप के झटकों के रूप में महसूस किया जाता है।
भूकंप के समय क्या सावधानियां बरतें
आपदा विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप के दौरान घबराने के बजाय सतर्कता बेहद जरूरी है
1 - मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे बैठकर सिर को ढकें
2 - खुले मैदान की ओर जाने का प्रयास करें
3 - बिजली के खंभों, पेड़ों और भारी वस्तुओं से दूर रहें
4 - लिफ्ट का प्रयोग न करें
5 - झटके थमने तक सुरक्षित स्थान पर बने रहें
6 - लोगों में दहशत, लेकिन हालात सामान्य
हालांकि झटके कुछ ही सेकंड तक रहे, लेकिन देर रात अचानक आए कंपन के कारण लोग काफी देर तक सतर्क बने रहे। स्थिति सामान्य होने के बाद अधिकांश लोग अपने घरों में लौट आए। फिलहाल भूकंप को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग हालात पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों से संयम बरतने की अपील की गई है।
