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Eco-Friendly : अगर बनाना चाहते हैं अपनी फैमली के लिए इको-फ्रेंडली घर, रखे इन चार बातों का ध्यान

Eco-Friendly Home : इको-फ्रेंडली होम बनाने के लिए कंस्ट्रक्शन के दौरान किन अहम बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में यहां जानकारी दी गई है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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Eco-Friendly: If you want to build an eco-friendly house for your family, keep these four things in mind

The Chopal : अपने और अपनी फैमिली के लिए घर का कंस्ट्रक्शन करवाना बड़े खुशी की बात होती है. इस तरह के डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि घर की डिजाइन ऐसी हो जो एनवायरनेमेंट के अनुकूल हो यानी कम नुकसान पहुचाए आपके लिए भी बेहतर हो. पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ ही आपका नया घर भविष्य में पैसे बचाने में भी आपकी मदद करें.

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नेचर को सुरक्षित बनाए रखने की जिम्मेदारी हर एक शख्स की है. कोशिश की जानी चाहिए कि ऐसे में कंस्ट्रक्शन और नवीनीकरण के दौरान घर को एनवायरनमेंट के अनुकूल बनाने पर जोर देना चाहिए. जैसे-जैसे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है, वैसे ज्यादातर बिल्डर “इको-फ्रेंडली” अपार्टमेंट की पेशकश कर रहे हैं. हालांकि भारत में एनवायरनमेंट के अनुकूल घर का कंट्रक्शन करवाना अभी भी अपनी प्राइमरी स्टेज में हैं, इको-फ्रेंडली घर काफी पापुलर है और इस तरह के घर काफी कम खर्चे में बनाए जा सकते हैं.

नया घर बनवाते समय डिजाइन और स्ट्रक्चर संबंधी बातों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इको-फ्रेंडली होम बनाने में लकड़ी, मेटल और ग्लास जैसी रिसाइकिल की जा सकने वाली मैटेरियल का इस्तेमाल आपकी ज्यादा मदद कर सकते हैं. इस तरह के निर्माण पर खर्च कम आता है और वेस्ट यानी कचरा भी कम होता है. कंस्ट्रक्शन को एनवायरनमेंट फ्रेंडली बनाए रखने के हरी छत यानी ग्रीन रूफिंग का ध्यान रखने से काफी फायदे होते हैं. कंस्ट्रक्शने के दौरान इको-फ्रेंडली घर बनाने के लिए यहां कुछ तरीकों के बारे में बताया गया है.

सोलर पैनल

सोलर एनर्जी, एक क्लीन और रिनुवेबल एनर्जी का सोर्स है. इस तरह के एनर्जी के लिए सोलर पैनल को विकसित किया गया है. यह पापुलर टेक्नोलॉजी दुनिया को नेचुरल पॉवर का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है. इससे प्रदूषण फैसले की संभावना न के बराबर है. सोलर एनर्जी के पैसे की बचत होती है. इस इको फ्रेंडली तकनीक को थोड़े मेंटनेंस की जरूरत पड़ती है. समय-समय पर इसका सही तरीके से रख रखाव करके आसानी से इस्तेमाल में लाया जा सकता है. एक बार लगवाने के बाद इसे 10 साल या उससे अधिका समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है.

माड्यूलर कंस्ट्रक्शन का चुनें विकल्प

माड्यूलर कंस्ट्रक्शन (Modular construction) एक प्रीफेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर है. इस तरह के बिल्डिंग को कहीं भी मनमुताबिक डिजाइन में बनाया जा सकता है. माड्यूलर होम कंस्ट्रक्शन को जरूरत के अनुसार एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सकता है. इस तरह के होम कंस्ट्रक्शन का सबसे अहम फायदा वेस्ट मैनेजमेंट है. इसमें इस्तेमाल की गई चीजें बेकार नहीं होती है. दरअसल मॉड्यूलर होम का निर्माण सटीक माप से किया जाता है, इसलिए अतिरिक्त सामग्री की इसमें जरूरत ही नहीं होती है,यही वजह है कि माड्यूलर कंस्ट्रक्शन में कचरे नहीं निकलता है।

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मकान का छत हरा भरा बनाएं रखें

बिल्डिंग के छत हरा भरा बनाए रखने की कोशिश होनी चाहिए. छत के सतह पर इस बॉटनिकल लेयर के होने से काफी फायदे हैं. छत का ये टॉप लेयर बिल्डिंग पर छाया बनाए रखता है. गर्मी के मौसम में राहत दिलाने का काम करता है. ये एनर्जी की बचत करता है. इन सब के अलावा छत के सतही भाग के तापमान को घटाता है. सोलर पैनल की क्षमता बढ़ जाती है जिससे एनर्जी बिल कम आती है. वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार होती है. एनवारनमेंट में धूल के कणों में कमी आती है. क्लाइमेंट चेंज पर बुरा असर नहीं पड़ता है. एयर क्वालिटी बेहतर होती है.नतीजतन कंस्ट्रक्शन के दौरान ग्रीन रूफ यानी छत को हरा भरा बनाए रखने का ध्यान रखने से मकान ज्यादा एनवायरनमेंट फ्रेंडली रहता है.

रिसाइकिल मैटेरियल

दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले कंट्रक्शन मैटेरियल यानी रिसाइक्लेबल मैटेरियल और एनर्जी एफिशिएंट मैटेरियल का इस्तेमाल करके कंस्ट्रक्शन बनावाने से एनवारमेंट पर बुरा असर नहीं पड़ता है. मैटेरियल जो एनवारमेंट को नुकसान न पहुंचाएं ऐसे इको फ्रेंडली बिल्डिंग मैटेरियल से कंट्रक्शन करवानें में समय की बचत होती है और कम एनर्जी की खपत होती है. बिल्डिंग की डिजाइन में रिसाइकिल की जा सकने वाली प्लास्टिक को इस्तेमाल करने के कई तरीके हैं. इसमें रिसाइकिल कंक्रीट भी इस्तेमाल करने का एक ऑप्शन मौजूद है. वैसे आमतौर बिल्डिंग निर्माण में सीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है. रिसाइकिल मैटेरियल से बने सीमेंट का इस्तेमाल बिल्डिंग बनवाने में किया जा सकता है.

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इसके अलावा लकड़ी (wood) भी बेहतर विकल्प हो सकता है. मकान की फ्रेमिंग और फ्लोरिंग यानी छत निर्माण सहित तमाम तरह काम के लिए लकड़ी को बार-बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. मेटल, ग्लास और प्लास्टिक रिसाइकिल मैटेरियल है. ये सभी कंट्रक्शन में बार-बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं. मेटल का बिल्डिंग, पाइपिंग और वायरिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है.

नया कंट्रक्शन और नवीनीकरण एनवायरनमेंट के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इस तरह के डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट की ओर आगे बढ़ने के दौरान उपलब्ध स्ट्रैटेजी का ध्यान रखना चाहिए. ऐसा करके आप अपने नए मकान को नेचर के अनूकुल बनवा सकते हैं. यानी आपका घर इको फ्रेंडली हो सकता है. इन बातों को अपनाकर आप न सिर्फ आपने नेचर को नुकसान होने से बचा सकते हैं साथ ही आप खुद और अपनी फैमिली के लिए ज्यादा बेहतर और टिकाऊं घर तैयार करवा पाते हैं.