राजस्थान में रसोई गैस कनेक्शनों पर E-Kyc को लेकर हो सकती है सख्ती, सिलेंडर डिलीवरी में होगी दिक्कत

Rajsthan News: रसोई गैस कनेक्शन को एक क्रांतिकारी पहल माना जाता है, जिसने करोड़ों परिवारों की रसोई में बदलाव लाया है। अब इसी दिशा में तेल कंपनियों ने ई-केवाईसी को अनिवार्य करते हुए सख्त कदम उठाए हैं।

   Follow Us On   follow Us on
राजस्थान में रसोई गैस कनेक्शनों पर E-Kyc को लेकर हो सकती है सख्ती, सिलेंडर डिलीवरी में होगी दिक्कत

Rajsthan LPG connection: रसोई गैस कनेक्शन से देश में एक क्रांतिकारी कदम माना जाता है. पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से अभी रसोई गैस कनेक्शन की ई-केवाईसी को लेकर सख्त कदम उठाए गए हैं। अब अगर किसी भी उपभोक्ता ने ई-केवाईसी नहीं करा रखी है तो उसको अब चिंतित होने की जरूरत है. पेट्रोलियम कंपनियों ने ई-केवाईसी को रसोई गैस कनेक्शनों पर कठोर कर दिया है। यदि कोई उपभोक्ता ई-केवाईसी नहीं करता है, तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी। तारीख फिलहाल नहीं दी गई है, लेकिन कंपनियां इस महीने के अंत तक उपभोक्ताओं को घर रीफिल करने से रोक सकती हैं।

घरेलू सिलेंडरों का दुरुपयोग

राज्य में 1400 गैस एजेंसियों से जुड़े उपभोक्ता, जो या तो नियमित नहीं हैं या बोगस कनेक्शनों के मालिक हैं, उनके कनेक्शनों पर लगाम लगाने के लिए ई-केवाईसी कराई जा रही है। यह सख्ती यानी घरेलू सिलेंडरों का दुरुपयोग रोकने के लिए की जा रही है। कंपनियों का मानना है कि इससे वास्तविक ग्राहकों को सिलेंडर मिलने में आसानी होगी। कंपनियां भी संदिग्ध या बेनामी कनेक्शनों को बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी हैं।

केवाईसी नहीं होने पर भी यह कार्रवाई संभव है

ई-केवाईसी नहीं होने पर सिलेंडर भेजने पर भी अस्थाई रोक लगाई जा सकती है।
तेल कंपनी फर्जी दस्तावेजों से जुड़े कनेक्शन पर भी कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
रसोई में गैस सिलेंडर की दुर्घटना होने पर उपभोक्ता की बीमा प्रक्रिया भी बंद हो सकती है।
ई-केवाईसी नहीं है तो कनेक्शन बंद हो सकता है

कंपनियों ने सभी गैस एजेंसियों से कहा है कि वे हर उपभोक्ता की ई-केवाईसी बनाएं। इसे लेकर चल रहे अभियान में ऐसा नहीं करना बोगस कनेक्शन होगा। इसे रोक सकते हैं। इससे गैस की कालाबाजारी, घरेलू गैस का व्यवसायिक उपभोग और सब्सिडी का गैरकानूनी उपयोग रोका जा सकेगा।

इस समय ये समस्याएं

हॉकर को ग्राहक के घर पर नहीं मिलने पर प्रक्रिया पूरी नहीं होती। वह भी कंपनी के अधिकृत संदेश नहीं जाता है। उन्होंने इसे डॉक्यूमेंट्स का दुरुपयोग भी समझा। एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फैडरेशन ऑफ राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष दीपक सिंह गहलोत ने कहा कि वास्तविक उपभोक्ता अपनी एजेंसी पर जाकर ई-केवाईसी कराएं, ताकि भविष्य में उन्हें नियमित रूप से रीफिल मिलती रहे।

नाम बदलने का भी अच्छा अवसर

असल में, बहुत से उपभोक्ता गैस कनेक्शन रखते हैं। ऐसे में, ई-केवाईसी के समय उनके नाम भी कम डॉक्यूमेंट्स से ट्रांसफर किए जा सकेंगे। यही कारण है कि बहुत से उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी नहीं हो पा रही क्योंकि नाम कनेक्शन मौजूद नहीं हैं या किसी अन्य कारण से उपलब्ध नहीं हैं।