The Chopal

Electricity Bill : राजस्थान में सस्ती बिजली पर बड़ी अपडेट, आम जनता की जेब पर होगा यह असर

Electricity Bill : राजस्थान में सस्ती बिजली को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने से सरकारी एजेंसियां निचले पायदान पर खिसक गई है। इस फैसले का असर अब सीधा आम जनता की जेब पर पड़ेगा। पढ़ें पूरी खबर

   Follow Us On   follow Us on
Electricity Bill : राजस्थान में सस्ती बिजली पर बड़ी अपडेट, आम जनता की जेब पर होगा यह असर 

Rajsthan Electricity Bill : सरकारी निकाय राज्य में निचले पायदान पर हैं, क्योंकि निजी कंपनियों को अक्षय ऊर्जा में पहले स्थान दिया गया है। 4 हजार मेगावाट क्षमता वाले सोलर पार्क के लिए 6,680 हेक्टेयर जमीन आवंटन अटक गया है, जो आपके मासिक बिजली बिल पर सीधा असर डालेगा। राजस्थान में 68 हजार लाख यूनिट सस्ती बिजली (सौर ऊर्जा) का उत्पादन जमीन पर अटक गया है, जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। वास्तव में, वर्तमान बिजली बिल में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसका मुख्य कारण यह था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने निजी कंपनियों को काम के लिए जमीन देने में तेजी दिखाई, जबकि राज्य सरकारी निकायों को निचले पायदान पर रखा गया था। यही कारण है कि 2-2 हजार मेगावाट क्षमता वाले दो सोलर पार्क अभी भी अस्तित्व में हैं।

इनमें सबसे अधिक राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और ट्रेडको (ज्वाइंट वेंचर) हैं। इसके लिए 6,680 हेक्टेयर जमीन चाहिए। हालाँकि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पिछले एक से डेढ़ महीने के बीच ही छह बड़ी कंपनियों को 3927 हेक्टेयर जमीन देने में देर नहीं लगाई। लंबे इंतजार के बाद राज्य विद्युत उत्पादन निगम को भी जमीन दी गई।

इस तरह हो रहा नुकसान…

टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और अक्षय ऊर्जा निगम ने प्रस्तावित सोलर पार्क में मिलकर काम करेंगे. यह एक ज्वाइंट वेंचर है। समय पर जमीन नहीं मिलने से काम देरी से हो रहा है और सस्ती बिजली उत्पादन भी देरी से शुरू हो सकेगा। जबकि, राज्य विद्युत विनियामक आयोग में हर साल टैरिफ पीटीशन प्रस्तुत करता है, जो डिस्कॉम्स बिजली दरों को निर्धारित करता है। टैरिफ पिटीशन भी शामिल हो सकेगा अगर प्रस्तावित सोलर पार्क समय पर शुरू हो जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे या तो बिजली दरों में कोई बदलाव नहीं होगा या कम होगा।

यहां जमीन देने में दिखाई तेजी

प्रोजेक्ट जिला—जमीन आवंटन—प्रोजेक्ट क्षमता
जैसलमेर- 26 July, 2022 – 290 मेगावाट
जैसलमेर- 21 July, 2022- 2398 मेगावाट
जोधपुर- 28 अगस्त, 2022- 14 मेगावाट
जैसलमेर- 26 मई, 2022- 10 मेगावाट
बकानेर- 9 अक्टूबर, 2023- 595 मेगावाट
जोधपुर- 4 मार्च, 2024- 910 मेगावाट

(डीएलसी दर पर जमीन दी गई)
सोलर पार्क के लिए दी भूमि
-अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लि.- 5979 हेक्टेयर

इनके प्रस्ताव अटके हुए

-राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम- बीकानेर के पुगल में दो हजार मेगावाट क्षमता के लिए 3880 मेगावाट जमीन मांगी है।

-ट्रेडको- अक्षय ऊर्जा निगम और टिहरी हाइड्रो डवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ज्वाइंट वेंचर कंपनी है। 2 हजार मेगावाट में से 1292 मेगावाट की स्वीकृति मिल चुकी है, बाकी प्रक्रियाधीन है। इसके लिए 2800 हेक्टेयर जमीन चाहिए।

प्रदेश में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा

हाइड्रो- 11.4 फीसदी
विंड, सोलर, बायोमॉस, स्माॅल हाइड्रो पावर- 29.5 फीसदी
न्यूक्लिर – 1.6 फीसदी

सोलर पार्क के लिए भूमि आवंटन सक्षम स्तर से होना है। ऐसे कई प्रकरण है, संभवतया आचार संहिता हटने के बाद आवंटन हो जाएगा।