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उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को लगेगा 440 Watt का तगड़ा झटका, अब अधिक चुकाना होगा बिल

UP Electricity Rate: केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देश के ताप बिजली घरों के लिए कोयला आयात करने का समय मार्च 2024 तक बढ़ाने के खिलाफ आवाज उठानी शुरू हुई है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

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Electricity consumers in Uttar Pradesh will get a huge shock of 440 Watt, now they will have to pay more bill.

The Chopal (UP News) : बिजली की लागत उत्तर प्रदेश में जल्द ही बढ़ सकती है। वास्तव में, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देश के ताप बिजली घरों के लिए कोयला आयात करने की समय सीमा को मार्च 2024 तक बढ़ाने के निर्णय का विरोध होने लगा है। इससे उपभोक्ताओं को अधिक बिजली खर्च करना पड़ सकता है। 

उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर 

देश में कोयला उत्पादन बढ़ने के बावजूद, ऊर्जा मंत्रालय ने विदेशी कोयला आयात करने के निर्णय पर सवाल उठाया है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस मुद्दे को उठाया है। इन दोनों संस्थाओं का कहना है कि महंगा कोयला आयात करने से प्रदेश में बिजली की दर 70 पैसे से 1.10 रुपये प्रति यूनिट बढ़ेगी, जो उपभोक्ताओं पर सीधा असर डालेगा।

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पिछले साल की अपेक्षा बढ़ा उत्पादन

शैलेंद्र दुबे जो कि आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा है कि कोयला मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल की अपेक्षा कोयले का उत्पादनबढ़ा है. चालू वित्तीय वर्ष में 71.35 मिलियन टन कोयले का उत्पादन 21 अक्टूबर तक कर लिया गया जो कि इस अवधि में पिछले साल केवल 60.44 मिलियन टन था जो कि इस साल 10.91 मिलियन टन अधिक है. 

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को उठाना चाहिए खर्च 

ऐसे में इस संबंध में आवाज उठाई जाने लगी है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को कोयला आयात जारी रखने का अपना निर्देश वापस लेना चाहिए. फेडरेशन की ओर से ये भी कहा गया है कि ऊर्जा मंत्रालय अगर कोयला आयात के आदेश को वापस नहीं लेता है आयातित कोयले का अतिरिक्त खर्चा आएगा उसको मंत्रालय द्वारा ही वहन किया जाना चाहिए. 

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1.10 रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ सकती है दर

इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय कोयले की तुलना में आयातित कोयला सात से 10 गुणा तक महंगा है ऐसे में बिजली उत्पादन की लागत 70 पैसे से 1.10 रुपये पर यूनिट बढ़ जाएगी. ऐसे में साफ दिखता है कि बिजली की बढ़ी लागत का भुगतान आम उपभोक्ता को करना होगा. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने जानकारी दी है कि जहां तीन हजार रुपये प्रति टन देसी कोयले की कीमत है तो वहीं विदेशी कोयला के लिए लगभग 20 हजार रुपये प्रति टन का खर्च आता है. 6 फीदी विदेशी कोयले के मिश्रण से उत्पादन लागत बढ़ जाएगा व प्रदेश के उपभोक्ताओं पर इसका बोझ आएगा.