UP के इस शहर में बिजली व्यवस्था होगी स्मार्ट, किए जाएंगे कई कार्य
UP News : उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में बिजली की आंख मिचौली को बंद करने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। यूपी की राजधानी लखनऊ को मॉडल सिटी के रुप में विकसित किया जाएगा।
Uttar Pradseh News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बड़ा निवेश किया जाना है। राजस्थानी लखनऊ की बिजली व्यवस्था स्मार्ट बनाई जाएगी। योजना का बड़ा उद्देश्य यह है की राजधानी लखनऊ को उत्तर प्रदेश में एक मॉडल सिटी के रूप में स्थापित करना है। लखनऊ में बिजली की आने जाने की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है।
बिजली की आंख मिचौली खेल बंद
शहर की विद्युत व्यवस्था पर दो हजार करोड़ से अधिक रुपये खर्च करके बिजली की आंख मिचौली खेल बंद किया जाएगा। नए बिजली घर बनाए जाएंगे, जो अधिक क्षमता के होंगे और शहर की बढ़ती आबादी के अनुरूप होंगे। शहर का बिजली प्रणाली वर्ष 2030 तक सुदृढ़ किया जाएगा। हजारों नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे, जो उनकी क्षमता को बढ़ा देंगे। लाइनों को छोटा करने के साथ-साथ हाईटेंशन लाइनों को मुख्य मार्गों और पतली गलियों पर भूमिगत किया जाएगा। योजना को लागू करने के लिए, मध्यांचल डिस्काम ने राजधानी के सभी 26 खंडों के अधिशासी अभियंताओं से अपनी क्षेत्रीय कार्ययोजना बनाकर भेजने को कहा है।
बड़ा विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर होगा खड़ा
वर्तमान में शहर में पचास लाख से अधिक लोग रहते हैं। बिजली विभाग 80 लाख लोगों के लिए विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने जा रहा है। लक्ष्य होगा कि उत्तर प्रदेश में लखनऊ को एक माडल शहर बनाया जा सके। प्रदेश सरकार चाहती है कि लखनऊ एक नो ट्रिपिंग जोन बन जाए, जो दूसरे राज्यों के लिए एक उदाहरण बन जाए।
तेज आंधी और बारिश में बिजली की आंख मिचौली होगी बंद
तेज आंधी और बारिश में बिजली की आंख मिचौली का खेल ना हो इसके लिए विद्युत व्यवस्था पर बड़ा निवेश किया जाएगा। यदि ट्रांसफार्मर में कोई समस्या होती है, तो बिजली को दूसरे ट्रांसफार्मर या किसी अन्य विकल्प से पलक झपकते ही चालू किया जाएगा। शहर के सभी अस्सी विद्युत घरों में दो या त्रिपल विद्युत स्रोत हैं। जिससे एक लाइन में फाल्ट होता है, दूसरी लाइन से शुरू होता है। गर्मियों में ट्रांसफार्मर को पर लोड ज्यादा नया आए इसलिए उनकी क्षमतावृद्धि भविष्य के हिसाब से तय करके रखी जाए।
वर्तमान में शहर के पचास फीसदी बिजली घरों पर अतिरिक्त भार है या पूरी क्षमता से चल रहे हैं। बिजली के लोड को विभाजित करने और उनकी ओवरलोडिंग को कम करने के लिए नए विद्युत उपकेंद्र बनाए जाएंगे। उपकेंद्र में इतना स्थान बनाया जाएगा कि अगर बाद में दस एमवीए के दो से तीन पावर ट्रांसफार्मर और भी लगाने पड़े तो स्थान कम नहीं होगा।
यहां होगा बिजली उपकेंद्र का निर्माण
गोमती नगर, राजाजीपुरम, रहीमनगर, सीतापुर रोड, डालीगंज, बिजनौर, राजभवन, रेजीडेंसी, विश्वविद्यालय, मोहनलालगंज, बीकेटी, चिनहट, हुसैनगंज, जानकीपुरम, अमीनाबाद, माल, महानगर, ठाकुरगंज, चौक, कानपुर रोड, आलमबाग सहित 25 स्थानों पर नए बिजली उपकेंद्र बनेंगे।
ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की योजना निम्नलिखित तरीके से की जाएगी:
- 100 KVA के स्थान पर 250 KVA के ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
- 250 KVA के स्थान पर 400 KVA के ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
- 400 KVA के स्थान पर 250 KVA के दो ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
- 630 KVA के स्थान पर, यदि जमीन उपलब्ध है, तो 250 KVA के तीन ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
- 1000 KVA के स्थान पर 250 KVA के चार ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
- इस योजना के तहत ट्रांसफार्मर की क्षमता को बढ़ाया जाएगा, जिससे बिजली आपूर्ति को बेहतर और अधिक स्थिर बनाया जा सके।