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UP के प्रत्येक गांव में होगी हाईटेक सुविधा, सरकार करने जा रही ये काम

UP news : उत्तर प्रदेश सरकार गांवों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। इनमें से एक कदम है ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना। यूपी के गावं को हाईटेक करने की योजना चल रही है।
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There will be hi-tech facilities in every village of UP, the government is going to do this work

The Chopal : यूपी डीजीपी मुख्यालय ने ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत गांवों में भी प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras) लगवाने की कार्ययोजना तैयार की है। जन सहयोग से चलाए जा रहे इस ऑपरेशन के तहत प्रदेश भर में अभी तक 3.5 लाख से ज्यादा कैमरे लगवाए जा चुके हैं। गांवों में कैमरे लगवाने में आ रही समस्या को देखते हुए पंचायतीराज विभाग से सहयोग लेने पर भी विचार चल रहा है। प्रदेश में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण तथा घटनाओं का जल्द से जल्द खुलासा करने के मकसद से 10 जुलाई से ऑपरेशन त्रिनेत्र चलाया जा रहा है।

इससे पहले यह गोरखपुर जोन में चलाया जा रहा था। गोरखपुर जोन (Gorakhpur Zone) में इसके सफल प्रयोग को देखते हुए पूरे प्रदेश में शुरू किया गया। इसमें महत्वपूर्ण चौराहों व तिराहों, पार्क, होटल, गेस्ट हाउस, ढाबे, स्कूल-कॉलेज, फैक्ट्री, सर्राफा दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान, बैंक, ग्राहक सेवा केंद्र, पेट्रोल पंप, मोबाइल टॉवर व शराब की दुकानों पर नागरिकों के सहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा रहे हैं। पिछले दिनों डीजीपी विजय कुमार ने दावा किया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी लगवाए जाने से 10 जुलाई से लेकर 23 अगस्त के बीच कुल 295 आपराधिक घटनाओं का खुलासा हुआ।

गांवों में भी प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी लगेंगे

डीजीपी मुख्यालय (DGP Headquarters) के मुताबिक प्रदेश में इस समय 1.90 लाख स्थानों पर लगभग 3.5 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा चुके हैं। इन सीसीटीवी कैमरों की लाइव मॉनीटरिंग सीधे थाने पर स्थापित कंट्रोल रूम में एलईडी स्क्रीन या वीडियो वॉल पर देखी जाएगी। ऑपरेशन त्रिनेत्र की मॉनीटरिंग के लिए पुलिस के तकनीकी सेवाएं मुख्यालय द्वारा एक पोर्टल भी बनाया गया है।

सूत्रों के अनुसार, गांवों में जन सहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगवाने में समस्या आ रही है, क्योंकि ग्रामीण इसका व्यय भार उठाने में समर्थ नहीं हैं। केवल उन गांवों में कैमरे लग पाए हैं, जहां ग्राम प्रधान या किसी अन्य संभ्रांत व्यक्ति से उसका खर्च उठा लिया है। ऐसे में डीजीपी मुख्यालय के अफसरों से शासन स्तर पर हुई बैठकों में पंचायतीराज विभाग के माध्यम से कैमरे लगवाए जाने का सुझाव दिया है।

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