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Expressway: इस एक्सप्रेसवे पर बनेगा एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, UP-दिल्ली वाले करेंगे सफर

Delhi-Dehradun Expressway : एशिया के सबसे बड़े एलिवेटेड Wildlife Corridor कई खास कारणों से बनाया गया है। 12 किलोमीटर लंबे हाथी संरक्षण कॉरिडोर, जो राजाजी नेशनल पार्क और शिवालिक रिजर्व फॉरेस्ट्री एरिया में बना है, कई कारणों से खास है।
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Expressway: इस एक्सप्रेसवे पर बनेगा एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, UP-दिल्ली वाले करेंगे सफर

Largest Wildlife Corridor : भारत में सरकार द्वारा एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाने को लेकर सबसे अधिक काम किया जा रहा हैं। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अगुवाई में सड़कों का निर्माण बहुत तेजी से हो रहा है। अब दिल्ली को जोड़ने वाली एक ऐसी सड़क बनाई जा रही है, जिसका फिलहाल एशिया में कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। चीन, जापान या सिंगापुर जैसे अति विकसित देशों में अभी तक ऐसी सड़क नहीं बनाई गई है। प्रशासन द्वारा इसकी लंबाई सिर्फ 12 किलोमीटर बताई जाती है, लेकिन इसकी विशेषता के आगे एशिया की बहुत सी सड़के फिक्की पड़ जाती हैं।

हम बात कर रहे हैं दिल्‍ली-देहरादून एक्‍सप्रेसवे

Delhi-Dehradun Expressway पर बनाए गए एशिया के सबसे बड़े एलिवेटेड Wildlife Corridor कई खास कारणों से बनाया गया है। 12 किलोमीटर लंबे हाथी संरक्षण कॉरिडोर, जो राजाजी नेशनल पार्क और शिवालिक रिजर्व फॉरेस्ट्री एरिया में बना है, कई कारणों से खास है। जानवरों की आवाजाही के लिए एलिवेटेड रोड के नीचे कई जगह अंडरपास बनाए गए हैं।

जानवरों के गुजरने के लिए खास रास्‍ता

यह कॉरिडोर इंसानों और जानवरों के बीच टकराव को कम करने के लिए तैयार किया गया है। दिन भर जानवरों को सुरक्षित आवाजाही देने के लिए 8 अंडरपास बनाए गए हैं। इसमें हाथियों के लिए दो कॉरिडोर बनाए गए हैं, जो 200 मीटर लंबे हैं और यह कॉरिडोर आशरोडी से दात काली टेंपल तक जाते हैं। इस कॉरिडोर के माध्यम से हाथियों को सुरक्षित जगह मिलेगी।

340 मीटर की सुरंग भी बनाई

गणेशपुर से देहरादून तक वन मार्ग बनाया गया है। इस मार्ग पर दात काली टेंपल से जुड़ी हुई 340 मीटर लंबी टनल देहरादून के पास बनाई गई है। इससे बिना किसी बाधा के वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित होगी और इंसानों और जानवरों के बीच टकराव कम होगा। दिल्ली से देहरादून की दूरी सिर्फ 2.5 घंटे में पूरी हो जाएगी।

जानवरों तक नहीं जाएगी कार की आवाज

यह कॉरिडोर बहुत अलग है क्योंकि भले ही आपकी कार या भारी वाहन जंगल के बीच से गुजर रहे हों, उनकी आवाज जानवरों तक नहीं जाएगी। आवाज को रोकने के लिए यहां पर 4 मीटर के नॉयस बैरियर लगाए गए हैं। पॉलीकॉर्बोनेट से बनी यह दीवार ट्रैफिक शोर को पूरी तरह से रोक लेती है, जिससे जानवरों और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी  का सामना नहीं करना पड़ता।