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UP में 9 जिलों की आर्थिक व्यवस्था मजबूत करेगा एक्सप्रेसवे, स्टीयरिंग पकड़ते ही पूरा होगा सफर

UP News : उत्तर प्रदेश में तेजी से सड़कों का जाल यातायात कनेक्टिविटी आसान बनाने के लिए बिछाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के 9 जिलों से होकर 380 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस से बनने वाला है। इस प्रोजेक्ट की धरातल पर उतरने के बाद 8 घंटे का सफर मात्र 3 घंटे में पूरा किया जा सके। उत्तर प्रदेश में सफर और विकास का तरीका बदल देगी।

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UP में 9 जिलों की आर्थिक व्यवस्था मजबूत करेगा एक्सप्रेसवे, स्टीयरिंग पकड़ते ही पूरा होगा सफर

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है, वो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। 380 किलोमीटर लंबा जो नया एक्सप्रेसवे बनने वाला है, वो राज्य के विकास और ट्रैफिक कनेक्टिविटी दोनों के लिए गेमचेंजर साबित होगा। गाजियाबाद से कानपुर एक्सप्रेसवे की दूरी 380 किलोमीटर है। इस राजमार्ग से उत्तर प्रदेश के नौ जिलों को लाभ होगा। गाजियाबाद-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जो गाजियाबाद से कानपुर के बीच 380 किलोमीटर लंबा होगा। 

नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर से आना-जाना आसान होगा 

ग्रीन हाईवे पॉलिसी इस परियोजना को बना रही है। इसके बनने से गाजियाबाद से कानपूर की यात्रा 8 घंटे से 5 घंटे 30 मिनट कम हो जाएगी। जानिए इस लेख के जरिए आखिर वो कौन से जिले हैं साथ ही कब तक बनकर तैयार होगा ये एक्सप्रेसवे। योजना के पूरा होने से ट्रैफिक की भीड़ कम होगी, राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। जब ये एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे, लाखों यात्रियों और व्यापारियों को नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर से आना-जाना आसान हो जाएगा। चलिए आपको बताते हैं इस एक्सप्रेसवे से यूपी के किन 9 जिलों को फायदा होने वाला है।

जयपुर-कानपुर राजमार्ग उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से गुजरेगा

यह लंबा रास्ता कारोबार को बढ़ावा देगा, पर्यटन को बढ़ा देगा और लोगों को बेहतर सफर की सुविधा देगा। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से इन जिलों में व्यापार और उद्योग के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे विकास को गति मिलेगी।

निर्माण 2026 तक पूरा होगा

मार्ग 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।  शुरू में यह चार लेन का होगा, लेकिन बाद में इसे छह लेन तक बढ़ाया जा सकता है। ये एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट है, जिसमें पेड़ लगाने और पर्यावरण के अनुकूल कार्य किए जाएंगे।  "ग्रीन हाईवे पॉलिसी" के तहत ये कार्रवाई की गई है, जो सरकार को सड़क निर्माण और पर्यावरण सुधार को बढ़ावा देगी। गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे की एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि यह नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से जुड़ा होगा।  इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुँचना इससे आसान होगा।

8 घंटे का सफर 3 घंटे में पूरा होगा।

इन कनेक्शंस से बड़े शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच आना-जाना आसान और तेज होगा, जिससे उत्तर प्रदेश का परिवहन तंत्र मजबूत होगा। विशेष बात यह है कि इस राजमार्ग से गाजियाबाद से कानपुर की दूरी 3 घंटे, यानी 180 घंटे मिनट में पूरी होगी। NH-91, जो 468 किलोमीटर लंबा है और गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ता है, अभी 8 घंटे लेता है।  NHAI का कहना है कि जमीन अधिग्रहण पूरा होने के बाद एक्सप्रेसवे 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

गाजियाबाद-कानपुर राजमार्ग

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे एक बड़ी परियोजना है जो उत्तर प्रदेश में सफर और विकास का तरीका बदल देगी। यह एक्सप्रेसवे जिलों को आपस में जोड़ेगा, सफर का समय कम करेगा और आगे चलकर नए मार्ग बनाने में मदद करेगा। इससे राज्य का विकास तेज होगा।