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UP में नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़, जानिए कैसे हुआ खुलासा

पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला था। जिसमें कोई नकली नोट बना रहा था। पुलिस ने इसके आधार पर गगहा थाना क्षेत्र के हाटा बाजार में नकली नोट चलाने वाले एक युवक को पकड़ लिया। बाद में चांद मोहम्मद नामक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
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Fake currency printing gang busted in UP, know how it was revealed

Gorakhpur: गोरखपुर पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह को पकड़ा है। पिछले सात सालों से इस गिरोह के सरगना नकली नोट बना रहे थे। अब तक, लाखों रुपये के नोट अब तक गिरोह ने बेचे दिए हैं। इस गिरोह के दो लोग विक्रम और राहुल पहले भी जेल गए हैं। इस गिरोह के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। और नकली नोट बनाने के कोई उपकरण भी बरामद किए गए हैं।

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पकड़े गए आरोपियों में बांसगांव क्षेत्र के धनौड़ा निवासी सरगना राहुल सिंह, उसका दूसरे नंबर का बेटा अवनीश सिंह उर्फ अवनीश राय और बड़हलगंज के बैदौली निवासी चांद मोहम्मद शामिल हैं। इस वीडियो में शामिल राहुल सिंह का बड़ा बेटा विकास और देवरिया जिले के गडही निवासी विक्रम जायसवाल अभी भी फरार हैं। इस गिरोह के सदस्यों ने पिछले सात सालों से इस तरह का अपराध किया है।

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पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला था। जिसमें कोई नकली नोट बना रहा था। पुलिस ने इसके आधार पर गगहा थाना क्षेत्र के हाटा बाजार में नकली नोट चलाने वाले एक युवक को पकड़ लिया। बाद में चांद मोहम्मद नामक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में उसने कहा कि वह एक अन्य व्यक्ति को नकली नोट खरीदने के लिए देता है।

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जब पुलिस ने जांच की तो राहुल को पता चला। राहुल को पुलिस ने घर का पता लगाकर बांसगांव के धनौड़ा से गिरफ्तार किया। इसके बाद पूरा गिरोह पकड़ लिया गया। पूछताछ में राहुल, गिरोह का सरगना, ने बताया कि वह अपने बड़े बेटे विकास और दूसरे नंबर की बेटी अवनीश के साथ मिलकर नकली नोट बनाता है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि देवरिया जिले का निवासी विक्रम ग्राहकों को उनके पास ले जाता था। ग्राहकों के सामने ही नोट बनाकर दिखाया जाता था और असली नोट के बदले दो गुना कीमत की नोट छापने के लिए विशिष्ट प्रकार का काला कागज और रसायन दिया जाता था।

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सरगना राहुल मूल रूप से जनसा थाना क्षेत्र के सरौनी गांव का निवासी है। जब वह एक वर्ष का था, उसकी मां उसे बांसगांव थाना क्षेत्र के धनौड़ा ननिहाल ले गई। वह पहले एक किराए के घर में रहता था। 20 साल पहले धनौड़ा में घर बनाकर रहने लगा था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने बेटों के साथ काम करता था। उन्होंने बताया कि काले पेपर पर केमिकल डालकर 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 500 रुपये की नकली नोट बनाते थे।

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उन्होंने बताया कि वह अभी 56 वर्ष की है। उसकी दादी धनेश्वरी देवी थीं, जो विधायक थीं, और मामा वन विभाग में थीं।इस समय किडनी डायलिसिस होने के कारण वह वाकर पर चलता है। इस गिरोह ने नकली नोट बनाए। कुछ ही दिनों में वह स्वयं गल गए। गिरोह का सरगना राहुल सिंह नकली नोट छापने के लिए बाहर से काला पेपर मंगवाता था। वह स्थानीय बाजार से ही अन्य सामान खरीदता था।

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पुलिस पूछताछ में, इस गिरोह का सरगना राहुल सिंह ने कहा कि वह टेलीविजन देखकर नकली नोट बनाने की कला सीखी। उसने कहा कि नकली नोट खरीदने वालों को पांच या दस हजार रुपये देकर दो गुना कीमत की नोट बनाने के लिए काले पेपर और रसायन देता था। वह सिर्फ उनके सामने एक या दो नोट छापकर नोट छापने की कला सीख गया। उसने बताया कि अब तक वह लगभग सौ लोगों को ठग चुका है। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल फोन, ब्लैक सीट, काले शीशे, सोडियम थायरॉस सल्फर की एक जार, काले रंग के शीशे, एक छोटी सीसी कांच में सफेद पाउडर, एक डिब्बे में सफेद टुकड़ा, प्लास्टिक की सीसी में पीला पदार्थ, प्लास्टिक की सीसी में काला पदार्थ और एक इनोवा गाड़ी बरामद की है।