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पिताजी चाहते थे कि उनका बेटा अफसर बने, अब बना डाला 40,000 करोड़ का साम्राज्य, अधिकारी घूमते हैं आगे-पीछे

दुनिया भर में हर व्यक्ति अपनी अलग पहचान बनाता है, लेकिन एक समुदाय में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष करना होता है। लीक से बचकर काम करने वालों ने देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।
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Father wanted his son to become an officer, now he has created an empire worth Rs 40,000 crore, officers move back and forth

Success Story: दुनिया भर में हर व्यक्ति अपनी अलग पहचान बनाता है, लेकिन एक समुदाय में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष करना होता है। लीक से बचकर काम करने वालों ने देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। हम एक सफल उद्योगपति की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके पिता एक सरकारी अधिकारी थे और उनसे भी अफसर बनने की उम्मीद थी। लेकिन बेटा बिजनेस में दिलचस्पी रखता था, इसलिए उसने पिता की एक नहीं सुनी। महज छोटी उम्र में बिजनेस करना शुरू किया।

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हमारे साथ सोलर उद्योग के मालिक सत्यनारायण नुवाल हैं। सत्यनारायण नुवाल, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर से आते हैं, ने अपनी मेहनत से 35,800 करोड़ रुपये की कंपनी बनाई। छोटे से शहर से बड़े शहर तक पहुंचने और वहाँ अपनी सफलता का परचम लहराने वाले सत्यनारायण नुवाल की कहानी बहुत दिलचस्प है।

10वीं की पढ़ाई के बाद व्यापार

सत्यनारायण नुवाल को राजस्थान के भीलवाड़ा में जन्म मिला, जहां उनके पिता एक सरकारी अकाउंटेंट थे। सत्यानारायण नुवाल को बचपन से ही बिजनेस में दिलचस्पी थी, इसलिए उन्होंने पढ़ाई से अधिक बिजनेस पर ध्यान दिया। 10वीं की पढ़ाई के बाद ही उन्होंने व्यवसाय शुरू किया। उनकी उम्र महज 18 साल थी जब वे केमिकल का बिजनेस करने लगे, लेकिन वे सफल नहीं हुए। 19 वर्ष की उम्र में सत्यनारायण नुवाल ने शादी कर ली और परिवार के साथ महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रहने लगे। यहीं से उनका असली संघर्ष शुरू हुआ।

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मुश्किल समय में स्टेशन पर बिताई गई रातें

सत्यनारायण नुवाल अक्सर रेलवे स्टेशनों पर सोते थे क्योंकि वह अपनी आवश्यक सामग्री खरीद नहीं पा रहा था। हालाँकि, उन्होंने साहस नहीं खोया। इस दौरान उन्होंने एक व्यक्ति से मुलाकात की जो विस्फोटक सामान बनाने का लाइसेंस था, लेकिन वह इसका कारोबार नहीं करना चाहता था। उस समय विस्फोटकों की कमी थी, इसलिए सत्यनारायण ने नुवाल से एक हजार रुपये के किराए पर लाइसेंस ले लिया।

विस्फोटक व्यापार में सफलता

यहीं से उनका बिजनेस करियर शुरू हुआ। वे कोयला खदानों में इस्तेमाल होने वाले गोला-बारूद (विस्फोटक) प्रदान करते थे। जब व्यवसाय चलने लगा, उन्होंने खुद विस्फोटक पदार्थ बनाने का निर्णय लिया। 1995 में उन्होंने अपनी पहली यूनिट स्थापित की और नागपुर में अपना कार्यालय स्थानांतरित कर दिया।

सोलर इंडस्ट्रीज की स्थापना के सिर्फ एक साल बाद, सत्यनारायण नुवाल ने 6000 टन विस्फोटक बनाने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया, और इसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उनकी कंपनी 65 देशों में कारोबार करती है और लगभग 7 हजार लोग काम करते हैं। फोर्ब्स के अनुसार, सत्यनारायण नुवाल का नेटवर्थ 14,000 करोड़ रुपये या 230 करोड़ रुपये है। वहीं, उनकी कंपनी का बाजार मूल्य 40,000 करोड़ से अधिक है।