अब से दिल्ली में अपनी मर्जी से नहीं बना सकते घर, जानिए RERA के नए नियम की पूरी डिटेल
The Chopal ( नई दिल्ली ) दिल्ली में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने घर बनाने के लिए नए नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की है. अब दिल्ली में किसी भी कॉलोनी, प्लॉट या बिल्डिंग पर कमरे बनाना पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. रेरा ने जारी आदेश में कहा गया है कि जितनी अधिक आवासीय इकाई होंगी, लोगों की संख्या भी अधिक होगी , जिससे सिविक इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक दबाव पड़ेगा.
RERA के नए नियमों के अनुसार, अब 50 वर्ग मीटर से ज्यादा के चार मंजिले के मकानों की अनुमति नहीं होगी. इस साइज के प्लॉट पर केवल तीन फ्लोर ही बन सकेंगे और प्रत्येक फ्लोर पर केवल एक ही कमरा होना चाहिए.
क्या है एक आवासीय यूनिट ?
मास्टर प्लान 2021 के अनुसार, एक आवासीय यूनिट में एक कमरा, एक किचन, और एक शौचालय होता है. RERA के आदेश में, 50 वर्ग मीटर से लेकर 3750 वर्ग मीटर या इससे भी बड़े आकार के प्लॉट्स पर आवासीय यूनिट्स बनाने की सीमा तय की गई है.
प्लॉट के हिसाब से मिलेगी आवासीय यूनिट
अगर प्लॉट साइज (वर्ग मीटर) 50 तक है, तो आवासीय यूनिट 3 मिलेगी. 51-100 तक है, तो आवासीय यूनिट 4 मिलेगी. 101-250 तक है, तो आवासीय यूनिट 4 मिलेगी. 251-750 तक है, तो आवासीय यूनिट 5 मिलेगी. 751-1000 तक है, तो आवासीय यूनिट 7 मिलेगी. 1001-1500 तक है, तो आवासीय यूनिट 7 मिलेगी. 1501-2250 तक है, तो आवासीय यूनिट 10 मिलेगी. और अगर 2251-3000 तक है, तो आवासीय यूनिट 10 मिलेगी.
सुप्रीम कोर्ट का भी है आदेश
आदेश में सुप्रीम कोर्ट के मार्च, 2008 के एक आदेश का भी संदर्भ दिया गया है, और उसी के अनुसार विभिन्न साइज के प्लॉट्स पर आवासीय यूनिट्स बनाने की सीमा तय करने का उल्लेख किया गया है. RERA ने दिल्ली कैंट बोर्ड, एमसीडी और डीडीए को भी इस संबंध में पत्र लिखा है और आदेश के अनुसार ही बिल्डिंग प्लान जारी करने के लिए कहा है.
रेरा ने सब-रजिस्ट्रार को भीदिए निर्देश
सभी सब-रजिस्ट्रार को भी RERA ने पत्र लिखकर कहा है कि 15 सितंबर के बाद किसी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन उक्त आदेश के अनुसार आवासीय इकाइयों की जांच कर ही किया जाए. अगर प्लॉट साइज से अधिक आवासीय इकाइयां हैं, तो ऐसी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन न किया जाए.
ऐसे होता है नियमों का उल्लंघन
डीडीए अधिकारियों ने मास्टर प्लान 2021 के अनुसार बताया है कि एक आवासीय इकाई का मतलब होता है कि यह एक कमरा, एक किचन, और एक शौचालय शामिल करती है. जबकि तमाम निजी बिल्डर अनधिकृत या नियमित कॉलोनियों में 50 से 100 वर्ग मीटर के प्लॉट्स पर भी एक-एक फ्लोर पर कई कमरे बना लेते हैं.
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