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गर्भवती गाय भैंस का इस तरह दे ध्यान, बच्चों का होगा बेहतर विकास

अब किसानों और पशुपालकों के लिए एक फायदे का सौदा बनते जा रहा है. लेकिन कई बार पशुपालकों के लिए यह समस्या होती है कि जब गाय-भैंस गर्भवती हो तो उसे क्या खिलाएं,
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गर्भवती गाय भैंस का इस तरह दे ध्यान, बच्चों का होगा बेहतर विकास

The Chopal : अब किसानों और पशुपालकों के लिए एक फायदे का सौदा बनते जा रहा है. लेकिन कई बार पशुपालकों के लिए यह समस्या होती है कि जब गाय-भैंस गर्भवती हो तो उसे क्या खिलाएं, जिससे पशुओं के बच्चों का विकास अच्छे से हो सके क्योंकि कई बार पशुओं को बेहतर पोषक तत्व न देने से गाय-भैंस के बच्चे पर बुरा प्रभाव देखने को मिलता है.

इससे पशुपालकों को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि पशुपालकों को गर्भवती गाय-भैंस को क्या खिलाना चाहिए. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स

गर्भवती गाय-भैंस को क्या खिलाएं

बात करें गर्भवती गाय-भैंस को पोषक तत्व खिलाने की तो गाय-भैंस को इस अवस्था में प्रतिदिन एक से डेढ़ किलो दाने का मिश्रण खिलाना चाहिए. इसके अलावा ब्यांत से कुछ दिनों पहले सामान्य खुराक में प्रतिदिन 100 मि.ली कैल्शियम का घोल पिलाएं. वहीं पशुओं के ब्यांत के बाद आसानी से पचने वाला आहार खिलाएं, जिसमें गेहूं का चोकर, गुड़ और हरा चारा देना चाहिए. साथ ही ये भी ध्यान देना होता है कि पशुओं को उस समय ठंडा पानी नहीं पिलाना चाहिए.

दुधारू पशुओं का क्या है पोषण

दूध देने वाले पशुओं के आहार की बात करें तो उन्हें दलहनी चारे का मिश्रण खिलाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि पांच लीटर दूध देने वाले पशुओं को केवल अच्छे प्रकार का हरा चारा खिलाकर दूध प्राप्त किया जा सकता है. वहीं उससे अधिक दूध देने वाले पशुओं के आहार में चारे के साथ-साथ दाना और खली खिलाना चाहिए. वहीं आपको बता दें कि अगर गर्भवती गाय-भैंस को अंतिम तीन महिने में 10 से 15 किलो हरा चारा खिलाना चाहिए. इसके अलावा ब्यान से लगभग 15 दिन पहले तक गर्भवती गाय-भैंस को 2 से ढाई किलो तक दाना खिलाना चाहिए.

इन बातों का भी रखना चाहिए ध्यान

गाय का गर्भकाल लगभग 282 दिनों का होता है. साथ ही भैंस का गर्भकाल 305 दिनों का होता है. पशुओं के शरीर में बच्चे का विकास गर्भकाल के 6 से 7 महीने में धीमी गति से होता है. वहीं अंतिम तीन महीनों में विकास बहुत तेजी से होता है. ऐसे में गर्भवती पशुओं की देखभाल और उनके पोषण में विशेष ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा पशुओं को लंबी दूरी तक चलाना भी लाभदायक होता है.

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