इन देशों के तनाव के बीच नया रिकॉर्ड बना सकता है सोना, जानिए कहां पहुंची कीमत
The Chopal : पश्चिम एशिया में एक बार फिर तनाव बढ़ने लगा है। ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। माना जा रहा है कि इजरायल इसका बदला लेने की तैयारी में है। इस घटनाक्रम से पहले से ही सोने की कीमत रेकॉर्ड स्तर पर है। अक्टूबर से सोने की कीमत में 29 फीसदी तेजी आई है जबकि पिछले करीब दो महीने में यह 18 फीसदी चढ़ चुका है। अब इसमें और तेजी आने का अनुमान है। सोना ही नहीं, कच्चा तेल, इक्विटीज, डॉलर और बॉन्ड यील्ड सबमें तेजी है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व ने अगली तीन मीटिंग में ब्याज दरों में 75 बेसिस अंक की कटौती का संकेत दिया है। इससे मामूली बिकवाली देखने को मिली और सोना 2,000 डॉलर प्रति औंस के नीचे चला गया। लेकिन एक बार फिर सोने की कीमत में तेजी आई है। आखिर सोने में तेजी की वजह क्या है?
सेफ हैवन डिमांड
जानकारों का कहना है कि सोना मुसीबत के समय इंश्योरेंस की तरह काम करता है। लोग, कंपनियां और सरकारें अपने पोर्टफोलियो में सोने को हेज के रूप में रखते हैं। इजरायल-ईरान और इजरायल-हमास संघर्ष के कारण लंबे समय तक जियोपॉलिटिकल तनाव देखने को मिल सकता है। इस कारण ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी असर हो सकता है और वित्तीय बाजार भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में अपना जोखिम कम करने के लिए लोग सोने में अपना निवेश बढ़ा देते हैं। इससे सोने की डिमांड बढ़ती है। यानी जियोपॉलिटिकल तनाव में सोने की निखार बढ़ जाती है।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी
पूरी दुनिया में सेंट्रल बैंक्स सोने की जमकर खरीद कर रहे हैं। 2022 और 2023 में उन्होंने 1000 टन से अधिक सोना खरीदा। जनवरी में सेंट्रल बैंक्स ने 39 टन सोना खरीदा। चीन का सेंट्रल बैंक लगातार 17 महीने से गोल्ड खरीद रहा है। अब चीन के गोल्ड रिजर्व 2,245 टन पहुंच चुका है जो अक्टूबर 2022 के तुलना में करीब 300 टन अधिक है। चीन के सेंट्रल बैंक के साथ-साथ चीन के लोग भी जमकर सोना खरीद रहे हैं। चीन दुनिया में सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। सोने की कीमत में तेजी के बावजूद वहां के लोग कॉइन, बार और जूलरी खरीदने में लगे हैं। देश में स्टॉक मार्केट और प्रॉपर्टी सेक्टर का बुरा हाल है। यही वजह है कि चीन के लोग अपनी वेल्थ बचाने के लिए अब गोल्ड में भारी निवेश कर रहे हैं।
रेकॉर्ड पर शेयर
अमूमन इक्विटीज की कीमत बढ़ने पर सोने की चमक फीकी पड़ जाती है। लेकिन इस बार उल्टा ही देखने को मिल रहा है। सोना और इक्विटी दोनों रेकॉर्ड पर हैं। जानकारों का कहना है कि इन दोनों के बीच एक ऐसा कनेक्शन हो सकता है जो भविष्य में सोने की कीमत तय करने में मदद करेगा। हाई इक्विटी वैल्यूएशन सोने के लिए फायदेमंद हो सकती है। जानकारों की मानें तो अगले कुछ दिनों में सोना 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर पहुंच सकता है।