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Delhi-NCR की जनता के लिए अच्छी खबर, यहां खत्म हो जाएगी जाम की समस्या

Delhi-NCR - दिल्ली एनसीआर वालों के लिए राहत की खबर। दिल्ली-एनसीआर में सफर करने वाला हर इंसान जाम से परेशान रहता है। आपको बता दें कि अब जल्द ही आपको इस जाम से छुटकारा मिलने वाला है...
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Good news for the people of Delhi-NCR, the problem of traffic jam will end

The Chopal : नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) का कॉमन ट्रैफिक प्लान होगा। मतलब, तीनों शहरों में यातायत सुविधाएं (traffic facilities) एक जैसी रहेंगी। इतना ही नहीं तीनों शहरों को आपस में जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण संयुक्त रूप से किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) क्षेत्र में ट्रैफिक जाम बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है।

आसपास के क्षेत्रों में रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए रीजनल ट्रैफिक प्लान (regional traffic plan) तैयार करने के लिए सलाहकार नियुक्त किया जाएगा। यह प्रस्ताव रविवार को नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में रखा गया। जिससे मंजूरी दे दी गई है।

ट्रैफिक प्लान पर तीनों अथॉरिटी मिलकर काम करेंगी-

नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम ने बताया कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त व नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में नोएडा प्राधिकरण की 210वीं बोर्ड बैठक संपन्न हुई।  जिसमें प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर, ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी, यमुना अथॉरिटी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह, अपर जिलाधिकारी (एलए) बलराम सिंह, नोएडा के एसीईओ मानवेन्द्र सिंह, सतीश पाल सिंह और प्रभाष कुमार उपस्थित रहे।

सीईओ ने कहा, "रीजनल कनेक्टिविटी के तहत तीनों प्राधिकरण मिलकर कॉमन ट्रांसपोर्ट प्लान बनाएंगे। इसके लिए आरएफपी आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्य में आने वाले व्यय का वहन तीनों प्राधिकरण मिलकर समान रूप से करेंगे। रीजनल प्लान पर निर्णय लेने के लिए तीनों प्राधिकरणों की समिति बनाई जाएगी। समिति का गठन करने के बाद आगे के निर्णय लिए जाएंगे।"

नए नोएडा को मंजूरी, 80 गांवों में बहेगी विकास की गंगा-

नोएडा और दिल्ली-एनसीआर के लिए बड़ी खबर है। रविवार को नोएडा ऑथोरिटी के बोर्ड ने 'न्यू नोएडा' को मंजूरी दे दी है। 'नए नोएडा' का मास्टरप्लान पेश किया गया। जिसे मंजूरी दे दी गई है। यह मंजूरी मिलने के तुरंत बाद अब 'न्यू नोएडा' के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार 'न्यू नोएडा' की स्थापना आर्थिक और औद्योगिक शहर के रूप में कर रही है।

नए शहर का क्षेत्रफल 21 हजार हेक्टेयर होगा-

नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम ने बताया कि मास्टर प्लान 2041 के तहत गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों में दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) विकसित किया जाएगा। इसे 'न्यू नोएडा' कहा जा रहा है। इस शहर में औद्योगिक भू-उपयोग 40 प्रतिशत रहेगा। आवासीय प्रयोजन के लिए 13 प्रतिशत और हरित क्षेत्र के लिए लगभग 18 प्रतिशत भूमि का प्रावधान किया गया है। नोएडा प्राधिकरण ने गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के 80 गांवों में 21 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की पहचान की है।

इस जमीन पर नए शहर को विकसित करने की योजना तैयार की गई है। नोएडा प्राधिकरण ने इस साल के अपने बजट में पैसा आवंटित किया है। 'न्यू नोएडा' में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस नए शहर से लगभग 6,00,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। नए नोएडा में लॉजिस्टिक्स हब, नॉलेज सेंटर, एकीकृत टाउनशिप और कौशल विकास केंद्र विकसित किए जाएंगे।

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