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UP News: गोरखपुर से लखनऊ के बीच 160 किमी की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, जानिए क्या है रेलवे की प्लानिंग

UP News : पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ-अयोध्या-बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा मुख्य रेलमार्ग पर ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की योजना बनाई गई है। यह योजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और यात्रा समय को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

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UP News: गोरखपुर से लखनऊ के बीच 160 किमी की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, जानिए क्या है रेलवे की प्लानिंग

Uttar Pradesh News : भविष्य में पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्य रेलमार्ग लखनऊ-अयोध्या-बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रूट पर भी 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें चलेंगी। रेलवे प्रशासन ने इसके लिए बहुत कुछ सोचा है। गोरखपुर-बाराबंकी-छपरा मार्ग पर 316 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह योजना न केवल उत्तर प्रदेश और बिहार को तेज़ रेल नेटवर्क से जोड़ने में मदद करेगी, बल्कि इन क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।

बाराबंकी से छपरा तक हाई स्पीड ट्रेनें पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्य मार्ग होंगे। रेलवे प्रशासन ने व्यापक तैयारी शुरू की है। विद्युत क्षमता बढ़ाने के लिए बाराबंकी से छपरा तक लगभग 425 किलोमीटर की दूरी पर 316 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। रेलमार्ग पर ओवरहेड इक्यूपमेंट (ओएचई) में बहने वाली बिजली की क्षमता बढ़ाई जाएगी, जिससे सेमी हाईस्पीड वंदे भारत सहित अन्य ट्रेनें चल सकें। 

गोरखपुर कैंट से बाराबंकी तक 176 करोड़ रुपये और गोरखपुर कैंट से छपरा तक 140 करोड़ रुपये की लागत से ओएचई की विद्युत क्षमता दोगुनी की जाएगी। रेलवे प्रशासन ने बिजली के तारों में विद्युत उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए टेंडर फाइनल करने वाली संस्था को चुना है। विद्युत क्षमता को दो साल में बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। फिलहाल, इस रूट पर ट्रेनों की गति 110 km/h से अधिक नहीं हो सकती। नियमित ट्रेनें भी आवश्यकतानुसार नहीं चल पा रही हैं।

भविष्य में पूर्वोत्तर रेलवे रूटों पर वंदे भारत (130-160 km/h) सहित गतिमान ट्रेनें ही चलाई जाएंगी। गोरखपुर-अयोध्या-लखनऊ-प्रयागराज के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन अधिकतम 110 किमी/घंटा की गति से चलती हैं, जबकि पूर्वोत्तर रेलवे में गोरखपुर से दिल्ली और आगरा के बीच स्लीपर वंदे भारत ट्रेन और वाराणसी के रास्ते प्रयागराज ट्रेन चलाने की योजना है।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य रूट में बिजली की क्षमता बढ़ने से ट्रैक की क्षमता भी बढ़ेगी। ट्रैनें 130-160 km/h की गति से चल सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे की लाइनों पर ट्रेनें अधिकतम 110 km/h की रफ्तार से चल सकती हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने कहा, "रेलवे प्रशासन ट्रैक क्षमता बढ़ाने के साथ ट्रेनों की गति बढ़ाने पर भी तेजी से कार्य कर रहा है। 52 किग्रा वजन की जगह 60 किग्रा वजन की मजबूत रेल लाइनें बनाई गई हैं। 350 किलोग्राम चौड़े स्लीपर लगाए गए हैं। रेलवे लाइनों पर आटोमोटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम और "थिक वेब स्विच" लगाए जा रहे हैं, जो ट्रेनों की गति को बढ़ाते हैं। सिग्नल सिस्टम लगने से ट्रेनें एक रेलखंड के एक भाग में एक के पीछे एक चल सकेंगे। इलेक्ट्रोनिक इंटरलाकिंग सिग्नल सिस्टम स्टेशन यार्डों पर लगाया जा रहा है। दुर्घटनाओं को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए रेलवे के किनारे भी बाड़ लगाए जा रहे हैं।’