महंगाई पर हुआ कंट्रोल, टमाटर, प्याज और दाल के बाद सस्ता आटा बेच रही सरकार
FCI : मोदी सरकार ने महंगाई से लोगों को बचाने के लिए भारत आटा कार्यक्रम शुरू किया था।महंगाई की मार से आम लोगों को बचाने के लिए सस्ते आटे से लेकर दाल की बिक्री की जा रही है।
The Chopal : महंगाई को नियंत्रित करने के लिए मोदी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने वाली है। इससे रियायती दरों पर भारत में उत्पादित आटे की उपलब्धता बढ़ जाएगी। जनवरी में, भारतीय खाद्य निगम (FCI) तीन सरकारी एजेंसियों को तीन लाख टन गेहूं देगा, जो इसे आटे में बदल देगा। इस भारतीय ब्रांड का आटा सस्ता होगा। आजकल सरकारी खुदरा हस्तक्षेप के बावजूद गेहूं के आटे की कीमतें स्थिर हैं।
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दिसंबर में, केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड द्वारा लगभग एक लाख टन गेहूं आटे बेचा गया था। हम भी इन तीनों एजेंसियों के माध्यम से जनवरी में तीन लाख टन अतिरिक्त गेहूं उतारने की योजना बना रहे हैं। महंगाई से लोगों को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने भारत आटा कार्यक्रम शुरू किया था। इस ब्रांड का आटा आम लोगों को 27.5 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर सरकारी निकाय देते हैं। अब तक, सरकारी संस्थाओं ने उपभोक्ताओं को 1 लाख 16 हजार 617 टन आटा बेचा है।
मार्च तक बिक्री चलेगी
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य औसत से अधिक दरों वाले क्षेत्रों में कीमतें कम करना है। सरकार का लक्ष्य है कि भारत आटे को रियायती दर पर उन सभी स्थानों में पहुंचाया जाए जहां औसत बाजार कीमत अधिक है। चार महीने में सबसे अधिक महंगाई: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, आटे की औसत खुदरा कीमत 36.5 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है। दिसंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि ने खुदरा महंगाई को चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69% पर पहुंचाया।
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टमाटर, प्याज और दाल भी खरीदें
केंद्रीय सरकार की कोशिश है कि खुदरा महंगाई को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जाए। सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बीते कुछ महीनों में सरकार ने प्याज से लेकर टमाटर की बिक्री की है। महंगाई की मार से आम लोगों को बचाने के लिए सस्ते आटे से लेकर दाल की बिक्री की जा रही है।