सरकार हारी एक हजार करोड़ की जमीन का केस, जानिए क्या है मामला
The Chopal News : कनाडि़य़ा रोड" के जमीन मामले में, जिसमें 38.24 एकड़ की ज़मीन की एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दर्ज की गई है, सरकार को देरी से जमीन का कब्ज़ा मिल रहा है। इस मामले में सरकार ने हजार करोड़ कीमत की ज़मीन हार दी है। "कनाडि़य़ा रोड" के मामले में सरकार ने हार की खबर यहाँ तक गई है कि सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को खारिज कर दिया है, लेकिन अब प्रशासन विशेष पुनरीक्षण याचिका दर्ज करने की अनुमति मांग रहा है।
1975 में सीलिंग एक्ट के तहत सरकार ने शहरी क्षेत्र की कई बड़ी ज़मीनों को अधिग्रहण किया था, और इंदौर में भी सरकारी मालिकी वाली सैकड़ों एकड़ ज़मीन हो गई थी। "कनाडि़य़ा रोड" पर स्थित ज़मीन जिसमें श्रेष्ठ संपत्ति की ज़मीन थी, जिसके मालिक बेली नायता थे, कीमती है।
सरकार ने तो ज़मीन का कब्ज़ा ले लिया था, लेकिन उस कार्रवाई पर ज़मीन के मालिक बेली नायता और उनके वारिस नबी बक्श ने आपत्ति दर्ज की। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने इस मामले को सिविल कोर्ट में लेकर केस दर्ज किया, जिस पर उनकी पक्ष में फैसला हो गया। लेकिन दरी से जगी हुई अधिकारिकों ने इस फैसले का अपील किया, और अपील की तरफ से काफी वक़्त बाद जिला प्रशासन ने इसे दोबारा सिविल कोर्ट में लेकर गई। इस मामले में बीते कुछ समय में हाई कोर्ट ने मामले में सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। अब प्रशासन ने सरकार के विधि विभाग से सर्वोच्च न्यायालय में विशेष पुनरीक्षण याचिका दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
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सरकार की हार के पीछे के कारण
कीमती ज़मीन को लेकर, सरकार ने देरी से चलाए गए केस के आधार पर हारता रहा है। जब सिविल कोर्ट से बक्श को फैसला मिला तो तत्कालीन अधिकारी इस मामले पर ध्यान नहीं दिया, जिससे सरकार ने ज़मीन को हाथ से जाने देने का क़रार लिया।
प्रशासन ने क़दम उठाया था
कनाडि़य़ा रोड पर स्थित कीमती ज़मीन को लेकर सरकार अब तक लिमिटेशन यानी देरी से चलाए गए केस के आधार पर हार रही है। सिविल कोर्ट से बक्श को डिक्री मिल गई थी, लेकिन उसके बावजूद, तत्कालीन अधिकारी ने प्रकरण पर गौर नहीं किया, जिससे सरकार को ज़मीन को हाथ से जाने देने का क़रार करना पड़ा। इसके अलावा, कई सरकारी मंदिरों के पुजारी ने भी अपनी ज़मीन को सरकार के नाम पर दिखाकर डिक्री कराई, और इसके बाद तहसील के अधिकारी ने नामांतरण कर दिया। बाद में, अफसरों की अपील हुई, लेकिन लिमिटेशन के आधार पर सरकार को कोर्ट में सजा हो गई।
"कनाडि़य़ा रोड" की सीलिंग ज़मीन को लेकर हम सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर रहे हैं, और इस मामले में सिविल कोर्ट में भी एक केस दर्ज है।
डॉ. इलैयाराजा टी, कलेक्टर
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