Gratuity Rules : ग्रेच्युटी को लेकर कर्मचारियों के हक में हाई कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
Gratuity Rules :हाल ही में हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है कि किसी कर्मचारी की ग्रेच्युटी राशि को बिना रिकवरी प्रक्रिया शुरू किए नहीं रोका जा सकता...।कोर्ट के फैसले पर अधिक जानकारी के लिए इस खबर को पूरा पढ़ें-

The Chopal, Gratuity Rules : हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि बिना रिकवरी प्रक्रिया शुरू की जाए, किसी कर्मचारी की ग्रेच्युटी राशि रोकी नहीं जा सकती। सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन की याचिका को कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया।
जीसी भट, एक कॉर्पोरेशन कर्मचारी, को 12 दिसंबर 2013 को बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने पैसों के गबन और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। सात साल बाद, भट ने प्रशासन से शिकायत की और 14 लाख रुपये की ग्रेच्युटी की मांग की। 11 सितंबर 2023 को, ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत अथॉरिटी ने कॉर्पोरेशन को भट को 7.9 लाख रुपये की ग्रेच्युटी दस प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया. यह भुगतान भट की सेवा से बर्खास्तगी (dismissal from service) की तारीख से शुरू होता है।
कर्मचारी ने क्या बहाना दिया?
कम्पनी ने भट की बर्खास्तगी को चुनौती दी (Corporation challenges Bhat's dismissal), कहते हुए कि यह पैसे के गबन और 1.7 करोड़ रुपये के नुकसान के कारण आवश्यक था। भट, एक केंद्रीय सरकारी उपक्रम का कर्मचारी(central government), ने ग्रेच्युटी रोकने के कारण हुए नुकसान की भरपाई का अधिकार (reasons for stopping gratuity) जताया। न्यायमूर्ति सुरज गोविंदराज ने कहा कि भट द्वारा हुए नुकसान की रिकवरी की कार्यवाही नहीं करना अन्य अधिकारियों की भी लापरवाही थी।
न्यायाधीश ने क्या कहा?
जस्टिस ने कहा कि मैं भट के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार मानता हूँ। उनके कर्तव्यों को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने बर्खास्त कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, इससे नियोक्ता को नुकसान हुआ।
जज ने स्पष्ट किया कि बिना रिकवरी प्रक्रिया शुरू किए, कॉर्पोरेशन ग्रेच्युटी राशि को रोक नहीं सकता। न तो न्यायिक तौर पर प्रमाणित किया गया है और न ही कोई आदेश दिया गया है, अधिवक्ता का दावा कि नुकसान हुआ है। न्यायाधीश ने कहा कि कॉर्पोरेशन भट की ग्रेच्युटी 31 जनवरी 2025 तक निकाल दे।