Gratuity Rules : क्या 5 साल से कम नौकरी वाले कर्मचारियों को मिलेगी ग्रेच्युटी,जानिए क्या कहते है नियम
Gratuity Rules : अगर आप एक कर्मचारी हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। अब आपको अपनी नौकरी छोड़ने के लिए 5 साल पूरे होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वास्तव में, ग्रेच्युटी के नियमों में अब बदलाव किए गए हैं। अब 5 साल से कम नौकरी करने पर भी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिल सकती है। आइए, इस खबर में नीचे जान लेते हैं-

The Chopal, Gratuity Rules : आपको अब नौकरी छोड़ने के लिए 5 साल पूरे होने का इंतजार नहीं करना होगा! ग्रेच्युटी के नियम अब बदल चुके हैं। पहले यह माना जाता था कि ग्रेच्युटी केवल 5 साल की निरंतर सेवा के बाद ही मिलती है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। नए नियमों के अनुसार, आप 5 साल से पहले भी ग्रेच्युटी के हकदार हो सकते हैं। ग्रेच्युटी से जुड़े नए नियमों को जानना आपके लिए फायदेमंद होगा।
ग्रेच्युटी-
ग्रेच्युटी, जो कई कंपनियों में CTC (Cost to Company) का हिस्सा होती है, आमतौर पर 5 साल की निरंतर सेवा के बाद मिलती है। हालाँकि, ग्रेच्युटी पेमेंट अधिनियम 1972 के तहत, कुछ परिस्थितियों में आप 5 साल से पहले भी इसके हकदार हो सकते हैं। यदि आपने 4 साल और 240 दिन पूरे कर लिए हैं, तो आप ग्रेच्युटी के लिए पात्र हो सकते हैं। नौकरी छोड़ने से पहले अपने सेवा काल की गणना करना महत्वपूर्ण है। यदि कंपनी ग्रेच्युटी देने से मना करती है, तो आप श्रम विभाग या न्यायालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं
4 साल और 240 दिनों में मिल सकती है ग्रेच्युटी-
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी किसी कंपनी में 4 साल और 240 दिन पूरे कर लेता है, तो वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार होता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी 1 जनवरी 2021 को किसी कंपनी में शामिल हुआ है, तो वह 29 अगस्त 2025 को इस्तीफा देने पर भी ग्रेच्युटी प्राप्त कर सकता है।
ग्रेच्युटी पाने के लिए नियम-
- 190 दिन का नियम उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो खदानों में या ऐसी कंपनियों में काम करते हैं जो सप्ताह में 6 दिन से कम काम करती हैं।
- 240 दिन का नियम अन्य सभी कर्मचारियों पर लागू होता है।
- यदि किसी कर्मचारी ने 5वें वर्ष में 240 दिन पूरे कर लिए हैं, तो इसे 5 साल की पूरी सेवा माना जाएगा। ऐसे में ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा।
क्या कंपनी ग्रेच्युटी देने से मना कर सकती है?
ऐसे मामलों में उच्च न्यायालयों ने विभिन्न निर्णय दिए हैं। दिल्ली और मद्रास HC के अनुसार 4 साल और 240 दिन पूरे करने पर कर्मचारी ग्रेच्युटी का पात्र होता है। हालांकि, कर्नाटक HC ने कहा है कि यह नियम केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू होता है, जैसे बीमारी, दुर्घटना, छुट्टी आदि। यदि कर्मचारी स्वेच्छा से इस्तीफा देता है, तो उसे पूरे 5 साल पूरे करने होंगे।
ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन कैसे होता है?
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला है
(15 X अंतिम सैलरी X सेवा काल) / 26
उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की अंतिम सैलरी 40,000 रुपये है और उसने 4 साल और 300 दिन काम किया है, तो इसे 5 साल के बराबर माना जाएगा। ऐसे मामले में ग्रेच्युटी कैसे निकाली जाएगी? तो फॉर्मूले के अनुसार 1,15,385 रुपये ग्रेच्युटी बनेगी।
(15 X 40,000 X 5) / 26 = 1,15,385 रुपये
क्या ग्रेच्युटी पर टैक्स लगता है?
सरकार के नियमों के अनुसार, 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी कर-मुक्त है। यदि कर्मचारी को 20 लाख रुपये से अधिक ग्रेच्युटी मिलती है, तो अतिरिक्त राशि पर कर लगेगा।