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UP के इन लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, इन घरों पर नहीं चलेगा बुलडोजर

UP Government News: योगी सरकार ने नजूल भूमि के संबंध में पिछले दिनों बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें, काफी समय से नजूल की जमीन पर रहने वाले लोग इसलिए परेशान थे की सरकार इन जमीनों पर कभी भी बुलडोजर चला सकती है। ऐसे में हाल ही में लिए गए यूपी सरकार (UP government) के फैसले के अनुसार, नजूल की जमीनों (Government property) पर फिलहाल न तो बुलडोजर चलेगा और न ही इन जमीनों से किसी को बेदखल किया जाएगा । दरसल यह चुनाव से पहले उठाया गए फैसलों में से एक अहम फैसला माना जा रहा है। आइए इसे विस्तार से समझते है- 

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UP के इन लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, इन घरों पर नहीं चलेगा बुलडोजर

UP News : यूपी में नजूल की जमीन पर घर बनवाकर रहने वालों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। योगी सरकार (Yogi Government) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यूपी में फिलहाल नजूल की जमीन पर बुलडोजर नहीं चलेगा और न ही किसी को इससे परेशान किया जाएगा। अभी सरकार सिर्फ सर्वे करेगी। यूपी सरकार ने खुद इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस बात की अंडरटेकिंग की है। सरकार की इस अंडरटेकिंग से नजूल की जमीन पर आशियाना बनाकर रहने वाले लोगों को बहुत राहत मिली है। 

क्या होती है नजूल की जमीन-

यह जमीन लोगों को केवल कृषि के लिए मिलती है। उन्हें इस जमीन को किराए पर नहीं देना चाहिए या बेचना चाहिए। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में नजूल की जमीन को लेकर हाल ही में लाए गए नए अध्यादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में अध्यादेश को असंवैधानिक ठहराया गया है और इसे रद्द करने का अनुरोध किया गया है। यूपी सरकार के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल कुणाल रवि सिंह ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि फिलहाल सर्वे कार्य ही किया जाएगा। नजूल की जमीन से किसी को भी बेदखल किया जाएगा और न ही बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) होगा।

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5 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से पांच अप्रैल तक उत्तर देने को कहा है। डॉक्टर अशोक तेहलियानी की याचिका पर डिवीजन बेंच में जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस सुरेंद्र कुमार ने सुनवाई की। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया है जो अब किसी निजी व्यक्ति या संस्था को नजूल भूमि का पट्टा नहीं देगी। 

सरकार ने कहा कि नजूल जमीन सिर्फ सरकारी संस्थाओं को दी जाएगी। इसके अलावा, सरकार नजूल जमीन पर आवंटित पट्टों और निर्माणों का सर्वे कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि किन व्यक्तियों के पट्टे समाप्त हो चुके हैं। अवधि समाप्त होने पर सरकार भी उसे नवीन नहीं करेगी और जमीन वापस नहीं लेगी। इस अध्यादेश के खिलाफ याचिका दाखिल कर इसे गैरकानूनी ठहराया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी। नजूल जमीन, अंग्रेजों के समय किसी का मालिक नहीं था। सरकार इसे लीज पर व्यक्तियों को देती है। योगी सरकार की इस अंडरटेकिंग, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार की इस अंडरटेकिंग को बेहद अहम माना जा रहा है।

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