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GST : कपड़े खरीदते समय ऐसे होता है धोखा, नहीं लगने देता दुकानदार भनक

क्या ग्राहक के साथ ठगी हो सकती है, भले ही सही बिल लिया जाए और पूरा पैसा चुकाया जाए? हां, ऐसा हो सकता है। बिल की बारीकियों को समझने के लिए आपको कुछ बातों को याद रखना होगा, जिससे आप कुछ पैसे बच सकते हैं।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

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GST: This is how cheating happens while buying clothes, the shopkeeper does not let you know

The Chopal News : दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो जीवन को नई ऊर्जा देता है। इसलिए लोग आज नए कपड़े पहनते हैं। यदि आप भी दिवाली पर नए कपड़े खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी होगा। कपड़े खरीदने वाले अक्सर दुकानदारों को चपत लगाते हैं। यदि आप कुर्ता-पायजामा, पैंट-शर्ट या कोई दूसरा कपड़ा खरीदते हैं, तो दुकानदार उतना ही पैसा लेगा जितना कि बिल बना है, फिर भी आप ठग लिए जाएंगे। क्या? यह पेंच है! चलिए इसी के बारे में आपको बताते हैं और बच सकते हैं।

दरअसल, सरकार ने कपड़ों पर लगने वाले जीएसटी (GST) को इस तरीके से तय किया है कि सस्ते कपड़े खरीदने वालों पर टैक्स कम लगेगा और महंगे परिधान खरीदने वालों को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा. यदि आप 1000 रुपये से नीचे का कोई भी कपड़ा खरीदते हैं तो आपको 5 फीसदी के हिसाब से टैक्स देना होगा, परंतु 1000 रुपये अधिक की आइटम पर 12 फीसदी टैक्स भरना होगा. अब यहां धांधली कैसे होती है, ये भी समझ लीजिए.

सही-सही बिल में भी गलत काम!

मान लीजिए आपने 4 अलग-अलग कपड़े खरीदे. एक शर्ट, एक कुर्ता-पायजामा, एक साड़ी, और एक नेहरू जैकेट. जाहिर है चारों के दाम अलग-अलग होंगे. हम इनके संभावित दाम नीचे लिख देते हैं-

शर्ट – 700 रुपये.
कुर्ता-पायजामा – 850 रुपये.
साड़ी – 2,400 रुपये.
नेहरू जैकेट – 750 रुपये.

उपरोक्त चारों आइटम्स का कुल बिल 4,700 रुपये बना. अब दुकानदार चारों का दाम जोड़कर (4,700 रुपये) उसपर 12 फीसदी टैक्स लगा देगा, जोकि बना 564 रुपये. कपड़ों का दाम + जीएसटी मिलाकर हुए 5,264 रुपये. आपने चैसा चुकाया और कपड़े घर ले आए. आपको लग रहा होगा कि बिल भी सही-सही जोड़ा गया है और सबकुछ ठीक है. परंतु यहीं पर एक झोल है.

अलग-अलग GST दर का उठाते हैं फायदा

झोल ये है कि शर्ट (700 रुपये), कुर्ता-पायजामा (850 रुपये), और नेहरू जैकेट (750 रुपये) पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगना चाहिए था. केवल साड़ी ही एक ऐसी आइटम थी, जिसकी कीमत 1,000 रुपये से अधिक थी, तो साड़ी पर 12 फीसदी जीएसटी अप्लाई होता है. ऐसे में 2,300 रुपये पर आपको 5 फीसदी और 2,400 रुपये की साड़ी पर 12 फीसदी टैक्स लगना था.

2,300 रुपये पर 5 फीसदी के हिसाब से 115 रुपये टैक्स बनेगा, और 2,400 रुपये पर 12 फीसदी के हिसाब से 288 रुपये का टैक्स बनता है. कपड़ों की कीमत (4,700 रुपये) + 115 रुपये + 288 रुपये ही सही कैलकुलेशन है, जोकि 5,103 रुपये होना चाहिए. यदि आप पूरे बिल पर 12 फीसदी का टैक्स चुकाएंगे तो आपको 161 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे. उम्मीद करते हैं आप इस गणित को समझ गए हैं और अब अपनी हर शॉपिंग पर देख-समझकर ही टैक्स चुकाएंगे.

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