The Chopal

हरियाणा में सीधे किसानों से सरसों खरीद रहा हेफेड, आढ़ती हुए नाराज

Mustard Crop : आढ़तियों का कहना है कि सरसों की खरीद उन्हीं के अनुसार हो उनका कहना है की शुरुआत में वह 1 अप्रैल से 5 अप्रैल तक हड़ताल करेंगे और अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह है आंदोलन को और तेज करेंगे, किसान अगर सीधी सरसों मंडियो में बेचता है तो उनको कोई फायदा नहीं होता इसके चलते उन्होंने है कदम उठाया है आइये जाने विस्तार से

   Follow Us On   follow Us on
हरियाणा में सीधे किसानों से सरसों खरीद रहा हेफेड, आढ़ती हुए नाराज

The Chopal, Mustard Crop : आपको बता दें कि हरियाणा और राजस्थान में सभी जगह सरसों की खरीद शुरू हो गई है, हाफेड किसानों से सीधा सरसों खरीद रही है बीच में कोई कमीशन एजेंट या विचोला नहीं है, जिसको लेकर आरतियों ने नाराजगी जाहिर की है, इस नाराजगी को वह लोकसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं, उनका कहना है कि वह लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आंदोलन करेंगे और जमकर विरोध भी करेंगे, इसके चलते आर्थियों ने लामाबंदी की शुरुआत कर दी है. और हैफेड सीधा किसानों से सरसों खरीद रहा है और अच्छे रेट दे रहा है

कमीशन एजेंट यह चाहते हैं कि ठीक है चाहते हैं कि खरीद उन्हीं के माध्यम से हो उन्होंने कहा है कि वे शुरुआत में 1 से 5 अप्रैल तक राज्य भर में के सामने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करेंगे और उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह आंदोलन को और तेज करेंगे तथा सरकार का जमकर विरोध करेंगे

46 रुपये प्रति क्विंटल है कमीशन

हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने 'Tribune'  सेकहा, 'सरकार ने अनाज मंडियों में सरसों की सीधी खरीद शुरू कर दी है, जो मंजूर नहीं है. सरकार एमएसपी पर खरीद में एजेंटों की भागीदारी को सीमित करने की कोशिश कर रही है. इससे पहले, इसने धान और गेहूं पर हमारा कमीशन कम कर दिया था. एजेंसियों के जरिये की जाने वाली खरीद पर 2.5 फीसदी कमीशन के मुकाबले सरकार ने करीब 46 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन तय किया था. इससे हमें प्रति क्विंटल 10 से 12 रुपये का नुकसान हो रहा है.”

एजेंटों को नहीं मिलेगा कोई कमीशन

अशोक गुप्ता आगे कहते हैं, “खरीद में कोई भूमिका नहीं होने से एजेंटों को कोई कमीशन नहीं मिलेगा. हमने पिछले नौ वर्षों में सरकार के साथ कई मुद्दे उठाए हैं, लेकिन इसने केवल अस्थायी राहत दी गई है. इससे हमारे अंदर आक्रोश पनप रहा है. हमने बाजार समिति के समक्ष पांच दिवसीय धरना देने का निर्णय लिया है. अगर सरकार हमारी मांग मानने में नाकाम रहती है, तो हम 5 अप्रैल के बाद एक और बैठक करेंगे और विरोध तेज करने की रणनीति बनाएंगे.''

उपचुनाव में दिखाएंगे ताकत

कुछ कमीशन एजेंटों का मानना ​​है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर दबाव बनाने के लिए एसोसिएशन को लोकसभा चुनाव, खासकर करनाल में होने वाले उपचुनाव के दौरान अपनी ताकत दिखानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य दलों को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि हमने अपनी मांगें उठाई हैं और बार-बार ज्ञापन सौंपे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बीजेपी सरकार को यह समझाने के लिए कि एजेंट उसके खिलाफ हैं, 15 से 25 मई तक विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है.

ये पढ़ें - UP में किसानों को अब इन शर्तों के साथ मिलेगी मुफ़्त बिजली, नए निर्देश जारी