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हरियाणा के किसान की सब्जी ने बदली किस्मत, सालाना कर रहा लाखों में कमाई

हरियाणा के किसान जसपाल सिंह ने अपने खेत में अभी कद्दू, फूलगोभी, टमाटर, लौकी, तुरई और तरबूज की फसलें लगाई हुई है। यह सीजन के हिसाब से सब्जी की खेती करते हैं। हालांकि यह सबसे अधिक फूल कॉपी की खेती करते हैं जिससे प्रति एकड़ 1.5 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।
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हरियाणा के किसान की सब्जी ने बदली किस्मत, सालाना कर रहा लाखों में कमाई

Haryana News : लोग हरियाणा में सिर्फ धान-गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। यहां के किसानों ने अब वैज्ञानिक तरीके से सब्जियों की खेती भी शुरू की है। इससे उन्हें हर साल लाखों रुपये मिल रहे हैं।आज हम सिरसा जिले के डबवाली के किसान जसपाल सिंह से बात करेंगे, जो खेती में सफलता की एक और कहानी लिख रहे हैं। उन्हें अपने गांव की जमीन पर सिर्फ सब्जियों की खेती करनी है। इन्हें इससे अच्छी कमाई होती है। लेकिन उनके गाँव में गेहूं, कपास और चावल की खेती भी होती है।

जसपाल सिंह ने पिछले दो दशकों से अपनी छह एकड़ की सब्जी की खेती से हर साल लाखों रुपये कमाए हैं। जसपाल की सफलता से प्रेरित होकर पड़ोसी किसानों ने भी सब्जी की खेती शुरू की है, जिससे यह क्षेत्र सब्जी उत्पादन का एक प्रमुख स्थान बन गया है। जसपाल कहते हैं कि उन्हें सब्जी की खेती से मिलने वाले लाभ ने सफलता मिली है। उनका कहना है कि उन्हें सब्जी बेचने में कोई समस्या नहीं है। व्यापारी डबवाली बाजार से आकर उनसे सब्जियां खरीदते हैं।

इन सब्जियों की खेती करते हैं

जसपाल के खेत में फिलहाल कद्दू, फूलगोभी, टमाटर, लौकी, तुरई और तरबूज की खेती की जा रही है। वे खेतों में अलग-अलग सब्जियों की बुवाई सीजन और मौसम के हिसाब से करते हैं। लेकिन वे सबसे ज्यादा फूलगोभी की खेती करते हैं। उन्हें फूलगोभी की "मैनर" किस्म की खेती से प्रति एकड़ 1.5 लाख रुपये की कमाई मिलती है। विशेष बात यह है कि यह किस्म गर्मियों में तीन महीने और सर्दियों में ढाई महीने में तैयार हो जाती है। इस किस्म की फूलगोभी 40 रुपये प्रति किलोग्राम है। तुरई की खेती, जिसका बाजार मूल्य 15 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम है, से प्रति एकड़ 2.5 लाख रुपये की कमाई होती है।

इस तरह खेती

जसपाल का कहना है कि पहले वे धान, गेहूं और कपास की खेती करते थे। लेकिन उतना मुनाफा नहीं मिलता था। ऐसे में उन्होंने बागवानी की ओर रुख किया और सब्जियों की खेती करने लगे। उनका कहना है कि सब्जी की खेती शुरू करते ही आय बढ़ी। इससे जीवन स्तर बढ़ा। जसपाल ने बताया कि वे पारंपरिक तरीके से सब्जी की खेती करते हैं। जिसमें मैन्युअल रूप से बुआई करना, जुताई करना और खेत को समतल करना शामिल है। इसके बाद वे जरूरत के हिसाब से खेत में सिंचाई करते हैं और खाद डालते हैं। जसपाल सिंह ने सब्जियों की खेती में बहुत सफलता हासिल की है, जिससे उन्होंने दूसरे किसानों को प्रेरित किया है।