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हरियाणा में किसानों की हुई मौज, गेहूं की फसल के साथ पोपलर लगाने की योजना शुरू

हरियाणा के 12 जिलों में 16805 एकड़ भूमि पर पोपलर उगाने का लक्ष्य है, जिस पर 336.10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। किसान agro.haryana.gov.in पर पंजीकरण करके इस कार्यक्रम का लाभ ले सकते हैं।

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Farmers rejoice in Haryana, plan to plant poplar along with wheat crop started

The Chopal : कृषि विभाग ने गेहूं की फसल में पोपलर उगाने की योजना शुरू की है ताकि कृषि वानिकी के तहत फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिल सके। एक एकड़ में पोपलर उगाने पर किसान को सरकार की ओर से दो हजार रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

16805 एकड़ हरियाणा के 12 जिलों में पोपलर खेती का लक्ष्य

इस योजना को नवंबर से शुरू किया गया है और हरियाणा के बारह जिलों को शामिल किया गया है। 16805 एकड़ क्षेत्र में पोपलर उगाने पर किसानों को 336.10 लाख रुपये देने का लक्ष्य है। किसान agro.haryana.gov.in पर पंजीकरण करके इस कार्यक्रम का लाभ ले सकते हैं। इस योजना में बारह जिले शामिल हैं: अंबाला, फतेहबाद, हिसार, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, जींद, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर। इस बार सत्र 2022–2023 का लक्ष्य रबी गेहूं में पोपलर उगाना है।

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इसके लिए सात नवंबर को कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक ने बारह जिलों के उप-निदेशकों को पत्र भेजा है, जो योजना को लागू करने के लिए है। हरियाणा के 12 जिलों में 16805 एकड़ भूमि पर पोपलर उगाने का लक्ष्य है, जिस पर 336.10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

किस जिलों का कितना लक्ष्य

जिले भूमि (एकड़) निर्धारित राशि (लाख में)

अंबाला: 1905 एकड़, 38.1 लाख रुपये
फतेहबाद: 1200 एकड़, 24 लाख रुपये
हिसार: 900 एकड़, 18 लाख रुपये
कैथल: 1500 एकड़, 30 लाख रुपये
करनाल: 1500 एकड़, 30 लाख रुपये
कुरुक्षेत्र: 1800 एकड़, 36 लाख रुपये
जींद: 1000 एकड़, 20 लाख रुपये
पानीपत: 1600 एकड़, 32 लाख रुपये
रोहतक: 1000 एकड़, 20 लाख रुपये
सिरसा: 1000 एकड़, 20 लाख रुपये
सोनीपत: 1400 एकड़, 28 लाख रुपये
यमुनानगर: 2000 एकड़, 40 लाख रुपये

गेहूं में पोपलर उगाने से दोगुना लाभ

यमुनानगर कृषि विज्ञान केंद्र के जिला विस्तार कृषि वानिकी विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि गेहूं की फसल में पोपलर उगाने से दोगुना लाभ मिलता है। किसान गेहूं उगाकर अपनी जमीन से अनाज लेते हैं, वहीं पोपलर एक अलग तरह से कमाई का जरिया बन रहे हैं।

उनका कहना था कि पोपलर उगाने से पर्यावरण बचता है। ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से प्रदूषण कम होता है। आजकल पोपलर की लकड़ी 1200 से 1400 रुपये प्रति क्विटंल में खरीदी जाती है। पोपलर को पहले दो वर्षों में गन्ने की फसल के साथ उगाया जाना उचित है। धान और गेहूं के एक-एक सीजन निकालने के बाद पोपलर तैयार हो जाते हैं। बीच-बीच में इसे छटाने से पोपलर का तना बिल्कुल सीधा रहता है।

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पोपलर किसानों को आवश्यक खर्चों (जैसे विवाह सामारोह) पर पैसे कमाने का अच्छा तरीका साबित हो रहे हैं। वन विभाग की नर्सरी से पोपलर की पौधों को नाममात्र खर्चे पर खरीदने के लिए 10 रुपये प्रति पौध शुल्क लिया जाता है। हरियाणा में सबसे अधिक पोपलर की खेती यमुनानगर के जगाधरी, छछरौली, खिजराबाद, बिलासपुर और सढौरा में होती है।