Haryana में प्रोपर्टी रजिस्ट्री को लेकर सरकार ने बदले नियम, ये है नया तरीका
Haryana : गुड़गांव, फरीदाबाद सहित हरियाणा के किसी भी जिले में अब संपत्ति की रजिस्ट्री होने के साथ ही उसका म्यूटेशन (Mutation) हो जाएगा. हरियाणा में म्यूटेशन को इंतकाल कहा जाता है जबकि कई जगह इसे दाखिल-खारिज भी बोला जाता है. रजिस्ट्री के बाद अब पटवारियों को म्यूटेशन नहीं बनाना होगा. बल्कि यह काम वेब हैलरिस पोर्टल पर अपने आप हो जाएगा. यही नहीं इस म्यूटेशन को कोई भी देख सकता है. 10 दिन तक कोई आपत्ति नहीं आने पर म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और संबंधित व्यक्ति इसकी कॉपी तहसील या फिर अटल सेवा केंद्र पर जाकर ऑनलाइन निकलवा सकेगा.
पहले म्यूटेशन या इंतकाल पटवारी दर्ज करते थे. इसके लिए पटवारी को रजिस्ट्री की कॉपी देनी पड़ती थी. रजिस्ट्री के बाद वे जांच करने के बाद इसे पोर्टल पर अपलोड करते थे. पटवारी से ही म्यूटेशन की कॉपी लेनी पड़ती थी. यह काफी बोझिल काम था.
आमतौर पर लोग शिकायत करते थे कि पटवारी समय पर उन्हें म्यूटेशन की कॉपी नहीं देते और उन्हें बेवजह तहसील के चक्कर काटने पड़ते हैं. लेकिन, अब रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन पोर्टल पर अपलोड हो जाएगा. गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 6 जुलाई को पोर्टल लॉन्च करके इस सेवा का विधिवत उद्घाटन किया था. अब इस सेवा को पूरे हरियाणा में शुरू कर दिया गया है.
10 दिन तक दर्ज होगी आपत्ति
रजिस्ट्री के साथ ही पोर्टल पर अपलोड हुए म्यूटेशन पर आपत्ति भी दर्ज कराई जा सकती है. इसके लिए 10 दिन का समय होगा. अगर कोई आपत्ति आती है तो म्यूटेशन को रोक दिया जाएगा और जांच के बाद ही यह प्रक्रिया पूरी होगी.
पहले पटवारी दर्ज करता था इंतकाल
अभी तक रजिस्ट्री के 7 दिन के अंदर इंतकाल करने का समय दिया गया था. ये प्रक्रिया तो ऑनलाइन थी, लेकिन इसे पटवारी को पूरा करना होता था. जब पटवारी इंतकाल को सिस्टम में चढ़ाता था तो यह कानूनगो से होते हुए तहसीलदार तक जाता था. इस पूरी प्रक्रिया के बाद इंतकाल हो पाता था और इसमें काफी समय लगता था.
अटल सेवा केंद्र से भी ले सकते हैं कॉपी
अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के तुरंत बाद हैलरिस पोर्टल में स्वचालित मॉड्यूल पर ऑनलाइन इंतकाल हो जाएगा. इसके लिए पटवारी के पास कागजात ले जाने की भी जरूरत नहीं होगी. 10 दिन बाद संबंधित तहसील या अटल सेवा केंद्र से इंतकाल की कॉपी ली जा सकेगी. यदि जमीन या संपत्ति को लेकर किसी ने आपत्ति जताई तो मामला तहसीलदार के पास जाएगा.
Also Read: Property : मकान बनाते वक्त भूलकर भी ना करें ये गलती, अन्यथा नहीं मिलेगा बिजली पानी कनेक्शन